नई दिल्ली: मोदी सरकार ने अफगानिस्तान में फंसे लोगों को भारत लाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने वहां के लोंगों के लिए ई-इमरजेंसी वीजा देने का फैसला किया है। भारत द्वारा इस तरह के वीजा देने का यह पहला कदम है। इसके तहत कोई भी अफगानिस्तान का निवासी भारत आने के लिए वीजा का आवेदन कर सकता है। यह वीजा 6 महीने के लिए वैध होगा। इसके तहत किसी भी धर्म के लोग इस वीजा के लिए आवेदन कर सकेंगे।
विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अफगानिस्तान की मौजूदा स्थितियों को देखते हुए सरकार ने यह फैसला किया है। इसके लिए "e-Emergency X-Misc Visa" कैटेगरी बनाई गई है। जिसके जरिए आवेदन का जल्द से जल्द निपटारा किया जाएगा। आवेदन की जांच और उसकी प्रोसेसिंग की प्रक्रिया दिल्ली में होगी। और वीजा के लिए कोई फीस नहीं देनी होगी।
कैसे करना होगा आवेदन
अगर आपके कोई परिचित अफगानिस्तान में हैं या फिर आप खुद वहां पर है तो भारत जल्द से जल्द पहुंचने का यह सबसे आसान तरीका है। तो आइए जानते हैं कि आवेदन के लिए क्या करना होगा...
सबसे पहले इस लिंक पर जाकर क्लिक करना होगा https://indianvisaonline.gov.in/evisa/tvoa.html
वहां पर आपको वीजा कैटेगरी में "Emergency X-Misc Visa" पर क्लिक करना होगा।
अगर वह लिंक क्लिक करने पर नहीं खुले तो तो इस लिंक पर https://indianvisaonline.gov.in/
पर जाकर "For eVisa by Bureau of Immigration, Apply here" पर क्लिक किया जा सकता है। जो कि आपको "Apply here for e-visa" पेज पर ले जाएगा।
वहां पर आपको जरूरी जानकारियां देनी होगी। उसे साथ ही आपको उससे संबंधित दस्तावेज के विवरण भी उपलब्ध होंगे।
आवेदन करने के लिए जरूरी होगी कि आवेदनकर्ता भारत में अपने किसी परिचित की जानकारी उपलब्ध कराए साथ ही उसे अफगानिस्तान में मौजूद अपने किसी एक परिचित की जानकारी देनी होगी।
हिंदू और सिख समुदायों के लिए राह होगी आसान
अफगानिस्तान में बड़ी संख्या और हिंदू और सिख समुदाय के लोग रहते हैं। उनमें से कई ऐसे हैं जो पीढ़ियों से वहां रह रहे हैं। ऐसे में यह सुविधा उनके लिए भारत आने में काफी मददगार साबित हो सकती है। इसके पहले भी जब मार्च 2021 में काबुल के गुरूद्वारे पर आतंकवादियों ने हमला किया था तो 25 सिखों की मौत हो गई थी। उस वक्त भी कई सिख भारत आए थे। ऐसे में नई ई-वीजा सुविधा इन हिंदू और सिख समुदायों के लिए भारत आने में मदद करेगी। इसके अलावा बड़ी संख्या में काम के सिलसिले में अफगानिस्तान गए भारतीयों के लिए वतन वापसी भी आसान हो पाएगी।
भारत पहले भी देता रहा है शरण
भारत का शुरू से ही अफगानिस्तान के लोगों को शरण देने का इतिहास रहा है। अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई की भारत में ही पढ़ाई हुई है। इसी तरह प्रमुख नेता अब्दुल्ला अब्दुल्ला का परिवार भारत में रहता है। इसके अलावा सीमांत गांधी यानी खान अब्दुल गफ्फार खान की पड़ पोती यास्मीन निगार भारत में ही रहती है। और वह भारत सरकार से अफगानियों की मदद के लिए लगातार अपील कर रही हैं।
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