मुसलमान कलाकार के शिव भजन गाने से जुड़े मसले पर एक टेलीविजन न्यूज डिबेट में राजनीतिक विश्लेषक डॉ.रिजवान अहमद ने कहा कि वह भारत माता की जय भी कहते हैं और तिलक भी लगाते हैं। दोस्तों के साथ कभी-कभी होली भी खेल लेते हैं। ये सारी बातें उन्होंने तंज के तौर पर मुस्लिम पैनलिस्ट आसिफ सोहेल के सामने कहीं।
दरअसल, यह पूरा मामला सोमवार को हिंदी चैनल टाइम्स नाउ नवभारत के एक डिबेट शो से जुड़ा है। राष्ट्रवाद नाम के परिचर्चा आधारित शो में एंकर सुशांत सिन्हा के साथ दोनों मुस्लिम पैनलिस्ट और कुछ अन्य मेहमान मौजूद थे। इस बीच, एक ऐसा पल आया जब अहमद कहने लगे- आसिफ ही नहीं मुस्लिमों में एक बड़ा वर्ग यह सोचता है कि इस्लाम की नजर में ऐसे लोग (दूसरे धर्म का गाना गाने वाले) मुनाफिक (नकली) हैं, जबकि हम जैसे लोग तो मुनाफिक और दलाल कहलाते हैं।
बकौल अहमद, "मैं मुनाफिक हूं। टीवी पर बोल रहा हूं, क्योंकि मैं भारत माता की जय बोलता हूं, क्योंकि मैं तिलक भी लगाता हूं, क्योंकि मैं कभी-कभी दोस्तों के साथ होली भी खेल लेता हूं। हां, अल्ला का शुक्र है कि शराब, तंबाकू, नशे आदि से दूर रहता हूं। लेकिन हूं मैं फिर भी मुनाफिक।"
वह आगे बोले- आसिफ ने जो कहा, उसका लब्बोलुबाब यही निकलकर आया कि नाच-गाने या भारत माता पर आपको कोई ऐसा मुस्लिम मिला जो कहे कि मां-बहन की गाली देने वाला मुनाफिक है। कम तोलने वाला, चोरी करने वाला, शराब-औरतों का धंधा करने वाला मुनाफिक है।
बकौल अहमद, "ईंशाअल्लाह, हिंदुस्तान का रिकॉर्ड उठाकर देख लो...हमारी इन कामों में मोनोपली है। देसी शराब के काम में प्रतिशत के हिसाब से बहुत मुसलमान हैं। अपराध में बहुत मुसलमान हैं। कोठे चलाने में बहुत मुसलमान हैं। कोठे चलाने में बहुत मुसलमान हैं। पर इसके लिए आसिफ साहब ये नहीं कहेंगे। लेकिन भारत माता की जय करने वाले के लिए कहेंगे।"
देखिए, जवाब में सोहेल ने आगे क्या कहा?:
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