आईटी की कार्रवाई, कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी के 254 करोड़ रुपए के 'बेनामी' शेयर जब्त 

देश
Updated Jul 30, 2019 | 15:05 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

आय कर विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी के 254 करोड़ रुपए के शेयर जब्त किए हैं। रतुल पुरी ईडी की जांच का भी सामना कर रहे हैं।

Kamalnath nephew Ratul Puri
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे हैं रतुल पुरी।  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे हैं रतुल पुरी
  • रतुल पुरी से जुड़े हैं अगस्ता वेस्टलैंड चॉपर घोटाले के तार
  • प्रवर्तन निदेशालय की जांच का सामना भी कर रहे हैं रतुल पुरी

नई दिल्ली : आय कर विभाग ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ के भांजे रतुल पुरी की 254 करोड़ रुपए से ज्यादा की 'बेनामी' संपत्ति जब्त की है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने आईटी अधिकारियों के हवाले से कहा कि पुरी ने कथित रूप से अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी घोटाले में मुखौटा कंपनियों के जरिए एक संदिग्ध व्यक्ति से संपत्ति हासिल की। अधिकारियों का कहना है कि बेनामी प्रॉपर्टी ट्रैंजेक्शन एक्ट के तहत पुरी के शेयरों को जब्त करने का अंतरिम आदेश जारी किया गया है। अधिकारियों के मुताबिक पुरी ने ये फंड एफडीआई निवशे के रूप में प्राप्त किए और यह निवेश रतुल के पिता दीपक पुरी की मोजे बीयर ग्रुप की कंपनी ऑप्टिमा इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड में किया गया था।

आईटी विभाग का आरोप है कि 254 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश सोलर पैनल के आयात के ओवर इनवायसिंग के जरिए लाया गया और ऐसा करने के लिए एचईपीसीएल नाम की कंपनी का इस्तेमाल हुआ। अगस्ता वेस्टलैंड चॉपर घोटाले के आरोपी राजीव सक्सेना ने मुखौटा कंपनियों के जरिए इस कंपनी को फायदा पहुंचाया। चॉपर घोटाला में सक्सेना प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में है जबकि रतुल पुरी से पूछताछ चल रही है।  

अधिकारियों का कहना है कि इन बेनामी शेयरों का हकदार रतुल पुरी हैं और इसे देखते हुए उस पर जरूरी कानून के तहत कार्रवाई की गई है। बता दें कि आय कर विभाग ने इस साल अप्रैल में रतुल एवं दीपक पुरी की कंपनियों एवं कारोबार के स्थलों पर छापे मारे थे और छापे की इस कार्रवाई के दौरान कथित रूप से अवैध लेनदेन के दस्तावेज जब्त किए गए।  

बता दें कि घोटाला मामले में ईडी भी रतुल से पूछताछ कर रहा है। गत शुक्रवार को रतुल पूछताछ के लिए दिल्ली स्थित ईडी दफ्तर पहुंचे थे। इसी बीच रतुल को अंदेशा हुआ कि ईडी उन्हें गिरफ्तार कर सकता है। अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए रतुल टॉयलेट गए और फिर वहां से फरार हो गए। इसके बाद ईडी अधिकारियों ने होटल सहित कई जगहों की तलाशी ली लेकिन रतुल वहां नहीं मिले। रतुल की गुमशुदगी पर कई घंटे तक हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा लेकिन कुछ समय बाद वह दोबारा ईडी दफ्तर पहुंच गए।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) रतुल पुरी मामले को लेकर कमल नाथ सरकार पर हमलावर रही है। भाजपा का आरोप है कि वीवीआईपी चॉपर घोटाले में रतुल पुरी लाभार्थी हैं। उसने रतुल के जरिए कमल नाथ को भी कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की है। जबकि कमलनाथ ने भाजपा के आरोपों को खारिज किया है।

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