IAC विक्रांत ने पूरे किए चौथे सी ट्रायल, अगस्त में नौसेना को मिलेगा देश का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर 

देश
शिवानी शर्मा
Updated Jul 10, 2022 | 19:13 IST

भारत के पहले स्वदेशी इंडिजिनिस एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत ने चौथे फेस के सी ट्रायल पूरे कर लिए हैं। यह देश का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर है।

IAC Vikrant completed the fourth sea trial, in August, the Navy will get the country's first indigenous aircraft carrier
स्वदेशी इंडिजिनिस एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत (तस्वीर सौजन्य- Indian Navy) 

भारत के पहले स्वदेशी इंडिजिनिस एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत ने चौथे फेस के सी ट्रायल 10 जुलाई को पूरे कर लिए हैं। सी ट्रायल के दौरान एयरक्राफ्ट कैरियर में ज्यादातर इक्विपमेंट और सिस्टम के अलावा एविएशन फैसिलिटी और कंपलेक्स इक्विपमेंट के ट्रायल भी पूरे कर लिए गए हैं। चौथे सी ट्रायल्स के सफलतापूर्वक पूरे होने के बाद जुलाई के अंतिम सप्ताह तक नेवी को एयरक्राफ्ट कैरियर की डिलीवरी दे दी जाएगी जिसके बाद अगस्त में आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हुए देश के पहले आईएसी विक्रांत को नौसेना में कमीशन किया जाएगा।

भारतीय नौसेना और कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड ने डिजाइन और डिवेलप किया है देश का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर 

 भारत में डिजाइन और निर्मित हुए एयरक्राफ्ट कैरियर को भारतीय नौसेना और कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड ने मिलकर पूरा किया है। यह आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया का बेहतरीन उदाहरण है क्योंकि इस एयरक्राफ्ट कैरियर में 76 फीसदी स्वदेशी कंटेंट है जिसकी वजह से भारत में डिजाइन और निर्माण की क्षमताओं को संबल मिला है। साथ-साथ इससे जुड़ी हुई तमाम इंडस्ट्रीज के लिए भी नए अवसर पैदा हुए हैं। इंडियन एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत को बनाने में कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड के 2000 कर्मचारियों को मौका मिला और इससे जुड़ी हुई अलग-अलग कंपनियों के 12,000 प्रोफेशनल को काम मिला।

 पिछले साल अगस्त में शुरू हुए थे विक्रांत के सी ट्रायल  

इंडियन एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत के पहले सी ट्रायल्स अगस्त 2021 में सफलतापूर्वक पूरे कर लिए गए थे। जिसके बाद अक्टूबर 2021 में दूसरे और जनवरी 2022 में तीसरे सी ट्रायल्स भी पूरे हुए थे। इन तीनों सी ट्रायल्स के दौरान विक्रांत की। इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक सूट, डेक मशीनरी, जीवन रक्षक उपकरण  नेविगेशन और संचार सिस्टम के ट्रायल सफलतापूर्वक पूरे किए गए थे। विक्रांत के भारतीय वायुसेना में शामिल होने के बाद देश की नौसेना को आत्मनिर्भरता के साथ नई ताकत मिल सकेगी।

 यह है आईएसी विक्रांत की खूबियां 

इंडीजीनस एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत में 14 डेक यानी 14 मंजिलें हैं। इसका वजन 40000 टन है और इस पर 30 से 40 एयरक्राफ्ट कैरियर को प्लेस किया जा सकता है। इसकी लंबाई की बात करें तो यह 262 मीटर लंबा है और 59 मीटर ऊंचा है। विक्रांत के फ्लाइंग डेक का आकार इतना बड़ा है कि यहां एक छोटा फुटबॉल ग्राउंड बनाया जा सकता है। विक्रांत के भारतीय नौसेना में शामिल होने के बाद नौसेना के पास दो एयरक्राफ्ट कैरियर हो जाएंगे। फिलहाल भारतीय नौसेना के पास आईएनएस विक्रमादित्य मौजूद है जो देश का इकलौता एयरक्राफ्ट कैरियर है।

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