लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक ऐसा कानून लाने जा रही है जो बुजुर्गों के हित में होगा। इस कानून के तहत बुजुर्ग मां-बाप की सेवा नहीं करने वाले बच्चे उनकी प्रॉपर्टी से बेदखल होंगे। योगी सरकार 'उत्तर प्रदेश माता-पिता तथा वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण एवं कल्याण नियमावली' में बेदखली की प्रक्रिया को शामिल करते हुए इसके संशोधन की तैयारी कर रही है। उत्तर प्रदेश स्टेट लॉ कमीशन ने नियमावली में इस कानून का प्रस्ताव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दिया है। माना जा रहा है कि राज्य सरकार जल्द इस पर अपने कदम बढ़ाएगी।
संशोधन के इस प्रस्ताव में कहा गया है कि अगर कोई बुजुर्ग यह शिकायत करता है कि उसके बच्चे उसकी देखभाल नहीं करते हैं तो माता पिता की ओर से औलाद को दी गई संपत्ति की रजिस्ट्री व दानपत्र को निरस्त कर दिया जाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे मामले अक्सर आते हैं जब बच्चे प्रॉपर्टी के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लेते हैं और माता-पिता को रहने के लिए एक छोटा सा हिस्सा दे देते हैं। बुजुर्गों के हितों की रक्षा और उनके बेहतर जीवन यापन के लिए यह कानून बेहद जरूरी है जिससे इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।
रिपोर्ट में यह बताया गया था कि ऐसे मामले सामने आते हैं कि बच्चे बूढ़े माता-पिता की प्रॉपर्टी अपने नाम कराकर उन्हें घर से निकालने के लिए बुरा व्यवहार करते हैं। तंग आकर या तो बुजुर्ग घर से चले जाते हैं या उन्हें वृद्धाश्रमों में भेज दिया जाता है। उत्तर प्रदेश में किसी अविवादित संपत्ति के उत्तराधिकारियों को बेकार की भागदौड़ से बचाने के लिए एक प्राधिकरण बनाए जाने की भी तैयारी है।
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