नियमों की अनदेखी क्या कोरोना की तीसरी लहर के संकेत, डरा रहे हैं महाराष्ट्र और केरल

देश
ललित राय
Updated Jul 10, 2021 | 00:05 IST

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। लेकिन देश के कुछ जिलों में आंकड़े जितनी तेजी से बढ़ रहे हैं वो उस डर को पुख्ता कर रहे हैं।

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नियमों की अनदेखी क्या कोरोना की तीसरी लहर के संकेत ? 
मुख्य बातें
  • देश के 66 जिलों में पॉजिटिविटी रेट 10 फीसद से अधिक
  • महाराष्ट्र और केरल के आंकड़े डरा रहे हैं, कुछ जिलों में कोरोना केस की संख्या अधिक
  • कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन की कई तस्वीरें आईं सामने

कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार अब थमती नजर आ रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पॉजिटिविटी रेट में कमी आ रही है। लेकिन देश के अलग अलग हिस्सों से आ रहीं तस्वीरें डरा भी रही हैं। देश के कुछ जिले ऐसे हैं जहां केस की संख्या में कमी नहीं आ रही है, दरअसल कुछ जिलों में तो कोराना के केस लगातार बढ़ रहे हैं और इस तरह की स्थिति आने वाले खतरे की तरफ इशारा कर रहे हैं। 
गुरुवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी ने इस दिशा में इशारा भी किया था कि कैसे लोग कोविड के दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं ऐसे में सरकारी मशीनरी को और अधिक सचेत रहने की आवश्यकता है। 

बड़े पैमाने पर नियमों की अनदेखी
अगर बात आंकड़ों की करें तो अप्रैल के महीने से जिस रफ्तार से कोरोना के केस सामने आने लगे वो मई के मध्य में अपने उच्चतम स्तर चार लाख के करीब आ गए हालांकि मई के अंतिम हफ्ते से केस में कमी आने लगी लेकिन इस समय औसत आंकड़ा 40 हजार के पार है। लेकिन हाल ही में अनलॉक के बाद जिस तरह से पर्यटक केंद्रों पर लोगों की भीड़ बढ़ रही है या जिस तरह से लोग सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करते हुए नजर आ रहे हैं उसकी वजह से तीसरी लहर की आशंका, हकीकत में तब्दील हो सकती है। 

ये तस्वीर हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला की है



केरल और महाराष्ट्र के आंकड़े डरा रहे हैं 

अगर बात केरल और महाराष्ट्र की करें तो सेकेंड वेव की पीक से पहले पूरे देश में 45 फीसद केस थे जबकि महाराष्ट्र का योगदान 52,1 फीसद था इसी तरह सेकेंड वेव की पीक में पूरे देश का योगदान 76 फीसद था, महाराष्ट्र और केरल को योगदान 14.8 और 9.3 फीसद था। लेकिन पिछले हफ्ते की बात करें अखिल भारतीय स्तर पर कोरोना के केस 49 फीसद हैं जबकि महाराष्ट्र और केरल का योगदान 20.8 फीसद और 30 फीसद है। 

66 जिलों में पॉजिटिविटी रेट 10 फीसद से अधिक
मुंबई, पुणे और ठाणे के कोविड पैटर्न को देखें तो केस की संख्या में कमी आई है लेकिन अभी राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है। अगर बात कोल्हापुर की करें तो वहां केस ज्यादा आ रहे हैं। अगर विदर्भ रीजन को देखें तो देश में सेकेंड वेव की पीक आने से पहले ही ज्यादा केस दर्ज किए जा रहे थे। यही वजह है कि महाराष्ट्र के आंकड़े डरा रहे हैं। इसके अलावा अगर बात दिल्ली, बेंगलुरु, लखनऊ और कोलकाता की करें तो दिल्ली में खासतौर से पीक में 28 हजार केस सामने आ रहे थे वहीं अब यह आंकड़ा डबल डिजिट में है। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से चेतावनी जारी की जा रही है कि देश के कुछ जिलों में पॉजिटिविटी रेट में बढ़ोतरी हो रहा है जोकि चिंता का विषय है। 8 जुलाई को देश के 66 जिलों में पॉजिटिविटी रेट 10 फीसद से अधिक थी जिसमें राजस्थान के 10 जिले और अरुणाचल प्रदेश के भी 10 जिले शामिल थे।

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