Independence Day Speech in Hindi 2022 (स्वतंत्रता दिवस पर भाषण हिंदी में 2022): स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) पर स्कूल या कहीं और भाषण देना है, पर समझ नहीं आ रहा कि क्या बोलें और कैसे तैयारी करें? तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक भाषण आपके काम का साबित हो सकता है, जो उन्होंने पीएम बनने के बाद पहली बार लाल किला की प्राचीर से दिया था। साल 2014 में 68वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम ने अपनी उस स्पीच में न केवल देश के नाम संबोधन दिया था, बल्कि कई योजनाओं का ऐलान भी किया था। आइए, जानते हैं कि पीएम के उस भाषण में क्या कुछ था:
पीएम ने उस दौरान सभी देशवासियों से राष्ट्रीय चरित्र के निर्माण में योगदान का आह्वान किया। कहा कि यह हम सबके लिए आत्मनिरीक्षण का अवसर ताकि हम जान सकें कि हमारे कृत्य राष्ट्रीय हितों पर किस तरह प्रभाव डाल रहे हैं। आइये अपने सभी कृत्य हम राष्ट्र निर्माण में लगा दें और राष्ट्रनिर्माण में योगदान करें। जनता को शुभकामनाएं देते हुए आगे बोले थे कि वह प्रधानमंत्री के बतौर नहीं बल्कि प्रधान सेवक के रूप में संबोधित कर रहे हैं।
पीएम ने दृढता के साथ कहा कि देशवासियों को सशक्त बनाने के लिए डिजिटल ढांचा एक प्राथमिकता है। उन्होंने डिजिटल इंडिया के लिए उनकी सरकार के संकल्प की घोषणा की जो लोगों को सूचनाएं और सेवाएं समयबद्ध और प्रभावी ढंग से मुहैया करायेगा।
स्वच्छता से मिलती-जुलती योजना की घोषणा करते हुए पीएम ने कहा कि “स्वचछ भारत” बनाने की दिशा में पहला कदम एक साल के भीतर सभी स्कूलों में टॉयलेट खासकर लड़कियों के लिए अलग टॉयलेट बनाकर उठाया जाएगा। संसद सत्र में कामकाज के लिए विपक्ष सहित सभी संसद सदस्यों को धन्यवाद देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार आम सहमति से आगे बढ़ना चाहती है।
सुनें, PM का पूरा भाषण:
प्रधानमंत्री बनने के बाद उनके द्वारा उठाए गए कदमों से केंद्र सरकार की कार्य संस्कृति में सकारात्मक बदलाव आने संबंधी खबरों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें इस तरह की खबरें पढ़कर आश्चर्य हुआ क्योंकि उचित ढंग से कार्य करना प्रत्येक सरकारी कर्मचारी के लिए मानदंड होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह तथ्य कि ऐसी बातें खबरें बन रही हैं, इसी से पता चलता है कि हमारे कर्तव्य और जिम्मेदारी के मानदंडों में किस हद तक गिरावट आ चुकी है। प्रधानमंत्री ने समाज से “मेरा क्या, मुझे क्या” जैसी स्वार्थी सोच को त्यागने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कार्यभार संभालने के बाद जब उन्होंने सरकार के विभिन्न विभागों के बीच तालमेल के अभाव विषंगति देखी तो उन्हें बेहद निराशा हुई। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि वह इस मुद्दे का हल निकालेंगे ताकि सरकार एक एकत्रित संगठन की बजाय एक जैविक इकाई के रूप में कार्य करे। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास और सुशासन ही सिर्फ दो रास्ते हैं जो देश को आगे ले सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने देश में बढ़ती बलात्कार की घटनाओं पर चिंता जतायी। उन्होंने कहा कि परिवार में बच्चियों से कई सवाल पूछे जाते हैं। उन्होंने अभिभावकों का आह्वान किया कि वे अपने बेटों से उनकी गतिविधियों के बारे में सवाल भी करें। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्येक बलात्कारी किसी न किसी का बेटा है। इसी तरह उन्होंने भ्रमित युवाओं का भी हिंसा त्यागने और राष्ट्रीय मुख्यधारा में वापस लौटने का आह्वान किया जो आतंकवाद या माओवाद की राह पर चल पड़े हैं।
इन योजनाओं का किया था ऐलानः
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