नई दिल्ली: देश में जारी लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार ने विदेशों में फंसे प्रवासी भारतीय नागरिक (ओसीआई) कार्ड धारकों को कुछ चुनिंदा श्रेणियों के तहत देश आने की शुक्रवार को अनुमति दे दी। गृह मंत्रालय के आदेशानुसार जिन लोगों को भारत आने की अनुमति दी गई है, उनमें वे ओसीआई कार्ड धारक शामिल हैं, जो परिवार में किसी आपात स्थिति के कारण देश आना चाहते हैं।
विदेश में जन्मे भारतीय नागरिकों के उन नाबालिग बच्चों को देश आने की अनुमति दे दी गई है, जो ओसीआई कार्ड धारक हैं।
इसके अलावा उन दम्पत्तियों को भारत आने की इजाजत दी गई है, जिनमें से एक के पास ओसीआई कार्ड है और दूसरा भारतीय नागरिक है तथा उनका भारत में कोई स्थायी निवास है।
साथ ही विश्वविद्यालय के उन ओसीआई कार्डधारकों (जो कानूनी रूप से नाबालिग नहीं है) को भी देश आने की इजाजत मिल गई है, जिनके माता-पिता भारतीय नागरिक हैं और भारत में रह रहे हैं।
सरकार ने विदेशों में फंसे भारतीयों को देश वापस लाने के लिए ‘वंदे भारत मिशन’ शुरू किया है। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को काबू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में 21 दिन का लॉकडाउन लागू किए जाने की 24 मार्च को घोषणा की थी। इसके बाद इस लॉकडाउन को पहले तीन मई, फिर 17 मई और अब 31 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया।
ओसीआई कार्ड भारतीय मूल के लोगों को जारी किया जाता है
ओसीआई कार्ड पर लगी रोक से ये लोग भारत सरकार से नाखुश थे, इनमें काफी संख्या ओसीआई कार्डधारकों के अभिभावकों की है। ओसीआई कार्ड भारतीय मूल के लोगों को जारी किया जाता है। ज्यादातर मामलों में उन्हें बिना वीजा यात्रा की अनुमति दी जाती है। उन्हें भारतीय नागरिकों की तरह कई अधिकार भी होते हैं। हालांकि, उन्हें वोट डालने, कृषि भूमि खरीदने, चुनाव लड़ने और सरकार में काम करने का अधिकार नहीं होता।
अन्य देशों की तुलना में अमेरिका में भारतीय राजनयिक मिशन सबसे अधिक संख्या में ओसीआई कार्ड जारी करते हैं। वैश्विक स्तर पर ओसीआई कार्डधारकों की संख्या 60 लाख है। भारत सरकार द्वारा पिछले महीने जारी नियमनों के अनुसार विदेशी नागरिकों और ओसीआई कार्डधारकों वीजा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यात्रा अंकुशों की वजह से स्थगित किया गया था।
भारतीय विदेशी नागरिकता (ओसीआई) योजना 02.12.2005 से दोहरी नागरिकता प्रदान करने के लिए प्रचालित की गई थी। इसका अर्थ है भारत की नागरिकता के साथ एक विदेशी देश की नागरिकता रखना।
एक विदेशी नागरिक, जो 26.01.1950 को भारत का नागरिक बनने का पात्र था या 26.01.1950 के बाद किसी समय भारत का नागरिक था या 15.08.1947 के बाद भारत का हिस्सा बनने वाले क्षेत्र का था और उसके बच्चे और बच्चों के बच्चे, बशर्तें कि उसके देश की नागरिकता में स्थानीय कानून के अनुसार या अन्य रूप में दोहरी नागरिकता की अनुमति है, तो उसे ओसीआई के रूप में पंजीकरण की पात्रता होगी।
इन व्यक्तियों के अल्प वयस्क बच्चे भी इसके पात्र हैं। जबकि यदि आवेदक पाकिस्तान या बंगलादेश का नागरिक रहा है तो उसे ओसीआई की पात्रता नहीं होगी।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।