नई दिल्ली। गलवान घाटी में हिंसतक झड़प के बाद भारत और चीन में तनाव चरम पर है। भारत सरकार मे जब हाल ही में 59 चीनी ऐप को बंद किया तो चीन भड़क उठा। भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने विश्व व्यापार संगठन के नियमों का उल्लंघन बताया तो चीन के सरकारी अखबार ने डोकलाम से बदतर हालत की धमकी दी। इस बीच चीन ने करीब 20 हजार सैनिकों की एलएसी पर तैनाती की। इसके साथ ही 10 से 12 हजार चीनी सैनिक शिनंजियांग में हैं जिनकी गतिविधियों पर भारतीय फौज नजदीक से नजर रख रही है। बताया जा रहा है कि शिनजियांग से चीनी सैनिक 48 घंटे के अंदर एलएसी तक आ सकते हैं।
एक महीने से बातचीत जारी
बता दें कि भारत और चीन के बीच पिछले एक महीने से बातचीत चल रही है। लेकिन चीनी सेना की संख्या में किसी तरह की कमी नहीं आई है। इसके साथ ही चीनी सेना के साजोसामान में भी कमी नहीं है। सूत्रों का कहना है कि तिब्बत में सामान्य तौर पर चीन की दो डिविजन तैनात रहती है, लेकिन इस दफा 2000 किमी दूर से करीब दो डिविजन और सैनिकों की तैनाती की है और ये सब मेनलैंड से लाए गए है।
चीनी सेना की तैनाती, भारत सतर्क
सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से चीन की तरफ से तैनाती की जा रही है उसे देखते हुए भारत भी पूरी तरह सतर्क है। भारत की तरफ से भी दो डिविजन तैनात हैं जिसमें माउंटेन डिविजन भी शामिल है जो हर वर्ष पूर्वी लद्दाख में सैन्य अभ्यास करता है।डीबीओ सेक्टर में मौजूदा ताकत को और मजबूत करने के लिए टैंक्स और बीएमपी-2 की टुकड़ियां तैनात हैं। इस समय लद्दाथ के पूर्वी सेक्टर में त्रिशूल इंफैंट्री डिविजन तैनात है।
फिंगर 8 एरिया में चीनी सैनिक
पैंगॉन्ग त्सो झील और फिंगर क्षेत्र में, चीनी सेना फिंगर 8 इलाके में तैनात है। इसके साथ ही वो भारी वाहनों और बड़ी नावों की तैनाती के साथ-साथ अपना प्रशासनिक आधार भी बनाया है।झील के साथ-साथ फिंगर 8 से फिंगर 5 तक चीनियों द्वारा बनाई गई सड़क भी उन्हें वहां से सैनिकों को तत्काल भेजा जा सकता है। चीनी सैनिकों को स्थानांतरित करने के लिए उनकी प्रतिक्रिया का समय भारतीय की तुलना में बहुत कम है।
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