Indian China Talks: भारत -चीन के बीच कोर कमांडर लेवल की बैठक आज, जानिए किन मुद्दों को लेकर बना हुआ है तनाव

देश
किशोर जोशी
Updated Jul 17, 2022 | 07:35 IST

India China Dispute: भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की 16वें दौर की वार्ता आज यानि रविवार को लद्दाख के चुशुल-मोल्दो में होगी। बैठक सुबह 10 बजे से शुरू होगी। 

India China military talks to be held  today in Ladakh
इससे पहले भी कई बार हो चुकी है दोनों देशों में कमांडर लेवल की बातचीत 
मुख्य बातें
  • भारत चीन आज करेंगे 16वीं कोर स्तर की कमांडर्स वार्ता
  • डेपसांग प्लेन में पेट्रोलिंग को लेकर विवाद के बीच डिसएंगेजमेंट पर जोर देगा भारत
  • इससे पहले भी कई बार हो चुकी है दोनों देशों में कमांडर लेवल की बातचीत

India- China Talks: आज भारत और चीन के बीच 16वीं दौर की बातचीत आज लद्दाख में होगी। भारत अप्रैल 2020 से यथास्थिति बनाने की मांग कर रहा है। भारत ने कई बार विवाद सुलझाने के लिए चीन को पीछे हटने के लिए कहा है कि लेकिन चाइना अब तक डिस्इंगेजमेंट के लिए तैयार नहीं हुआ है।  भारतीय सेना के लेह स्थित 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता और उनके चीनी समकक्ष मेजर जनरल यांग लिन रविवार को सुबह 9.30 बजे चुशुल में जब वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चर्चा करने के लिए बैठेंगे तो  तीन प्रमुख मुद्दे सामने आएंगे: पीपी15, देपसांग और डेमचोक।

PP15

यह वह प्वॉइंट है जहाँ तक भारतीय सेना ने 2020 से पहले गश्त की थी। चीनियों ने भी इस क्षेत्र में गश्त की, और PP15 से कुछ ही पीछे तक आए और फिर वापस चले गए। भारत की तरह चीन भी पहले PP15 से तीन किमी दूर तक गश्त करता था। अब, भारत ने चीन से यथास्थिति बहाल करने को कहा है। ऐसा तब हो सकता है जब वे तीन किमी पीछे चले जाएं, और तीन समस्याओं में से इसके हल होने की सबसे अधिक संभावना है। चीन अलग चाल रहा है और वह चाहता है कि भारतीय सेना पास के PP16 क्षेत्र से पीछे हट जाए लेकिन भारत ने ऐसा करने से इनकार कर दिया है। इसके बजाय, भारत ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानि पीएलए को 5 किमी पीछे हटने के लिए कहा है। अगर ऐसा होता तो भारत भी ऐसा ही करता।

देपसांग

सूत्रों ने बताया कि देपसांग समस्या एक विरासती (legacy) मुद्दा है। PLA हमेशा इसे लेकर रोड़ा अटकाते रही है और PP10, 11 और !!A तक गश्त करता थी, जिसमें भारतीय सेना के अधिकारियों के साथ पीपी10, 11 और ए तक गश्त करती थी। लेकिन 2019 में, उन्होंने दो वाहनों को बॉटलनेक क्षेत्र में रखा, जिससे भारतीयों को भारत की गश्त सीमा तक जाने से रोका जा सके। फिर भारत ने भी दो PLA वाहनों के ठीक सामने दो वाहन रखे। तो, चीन आगे 7 किमी और भारत, लगभग 4 किमी अंदर नहीं जा सकता। यहां अभी भी गतिरोध बना हुआ है।

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डेमचोक

डेमचोक में समस्या चार्डिंग निलुंग नाला या सीएनएन जंक्शन है। यह एक नाला है और चीनियों ने नाले के सामने 2018 से अब तक 3 टेंट लगा रखे हैं और यह नाले से महज 200 मीटर की दूरी पर हैं। भारत इन टेन्ट्स को हटाने की मांग करता रहा है। अब तक, इस पर चीन ने कोई एक्शन नहीं लिया।

11 मार्च को हुई थी पिछले दौर की बातचीत

भारतीय थलसेना और चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बीच पिछले दौर की वार्ता 11 मार्च को हुई थी। पूर्वी लद्दाख से जुड़े विवाद का मुद्दा पिछले हफ्ते विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच बाली में हुई बातचीत में भी प्रमुखता से उठा था। जी20 देशों के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन से इतर बाली में एक घंटे की बैठक में जयशंकर ने वांग को पूर्वी लद्दाख में सभी लंबित मुद्दों के शीघ्र समाधान की आवश्यकता से अवगत कराया था। संवेदनशील पर्वतीय क्षेत्र में एलएसी पर अब भी दोनों पक्षों के करीब 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं।

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