लॉकडाउन में शिद्दत से याद आ रहे नाई और ब्यूटी पार्लर, लोगों के सामने ये भी कड़ी चुनौती

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Updated Apr 14, 2020 | 21:00 IST

India Coronavirus lockdown: अस्तव्यस्त बाल और दाढ़ी से परेशान लोगों को नाइयों-ब्यूटीशियनों के काम पर लौटने का इंतजार है।

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सांकेतिक फोटो (तस्वीर साभार- unsplash) 

नई दिल्ली: तीन हफ्ते पहले जब लॉकडाउन की घोषणा की गई थी तो बहुत से लोगों का भले ही इस पहलु की ओर ध्यान न गया हो किंतु तीन सप्ताह पूरा होते लोगों को लगने लगा कि पाबंदिया हटते ही वे सबसे पहले हज्जाम या ब्यूटी पार्लर जाकर बेतरतीब बढ़ रहे अपने बालों और दाढ़ी को फिर से मनचाहा आकार देकर अपने पसंदीदा 'लुक' में आ जाएंगे। किंतु मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लॉकडाउन की अवधि तीन मई तक बढ़ा देने के साथ ही ऐसे लोगों को भारी निराशा का सामना करना पड़ा।

अपने को रोके रख पाना कड़ी चुनौती

विशेषज्ञों का कहना है कि बाल एक महीने में आधा इंच बढ़ते हैं। किंतु कई लोग अपनी छवि को लेकर बड़े आग्रही होते हैं और लॉकडाउन की अवधि में उनके लिए इतने लंबे समय तक नाई और ब्यूटी पार्लर तक अपने को रोके रख पाना एक कड़ी चुनौती है। लॉकडाउन की अवधि में ये दुकानें भी पूरी तरह से बंद हैं। यह एक दिन की बात नहीं बल्कि 40 दिनों तक बालों की स्थिति ऐसा ही रहेगी। बालों के मामले में लोगों को लग रहा है कि जैसे उन्हें 40 दिन तक किसी ने बिल्कुल 'बनवास' में भेज दिया हो।

यह समस्या किसी एक की नहीं बल्कि लगभग सभी की है। पुरुष अपने लंबे बालों, बढ़ती दाढ़ी-मूछ से परेशान हैं वहीं महिलाएं अपने बालों को फिर से स्टाइल में लाने, अपनी भौं को सही आकार देने और वैक्सिंग की मदद से हाथ-पैरों को अनचाहे बालों से निजात दिलाने के इंतजार में हैं। और वही कुछ ऐसे लोग भी हैं जो अपने सफेद बालों को काले, नीले, भिन्न रंग से रंगने की जरूरत महसूस कर रहे हैं। अच्छा दिखने के लिए क्योंकि आप हेयर स्टाइलिंग, थ्रेडिंग, वैक्सिंग और ट्रिमिंग में प्रशिक्षित विशेषज्ञ पर आश्रित रहते हैं, इसलिए हेयर ड्रेसर-ब्यूटीशियन को शिद्दत से याद किया जा रहा है। यहां तक कि सड़क के किनारे दुकान लगाने वालों का भी।

लोग चार से आठ हफ्ते में पार्लर या सैलून जाते हैं

ज्यादातर लोग आम तौर पर हर चार से आठ हफ्ते पार्लर या सैलून जाते हैं। कई लोग अपने बाल कटवाने के लिए जाने ही वाले थे कि 24 मार्च को बंद की घोषणा की गई। कैंची से खुद बाल काटना इतना आसान नहीं है लेकिन कई लोग खुद से ऐसा करने पर मजबूर हैं। क्रिकेट कप्तान विराट कोहली के साथ ही राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पालट और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने अपने बाल कटवाने के मामले में स्वयं ही हाथ आजमाए या अपने परिजनों का सहारा लिया। 

हालांकि ट्विटर, इंस्टाग्राम और टिकटॉक जैसे सोशल मीडिया मंच ऐसी तस्वीरों से भरे पड़े हैं जहां खुद से बाल काटना लोगों को भारी पड़ गया है। किसी के कहीं से बाल पूरी तरह उड़ गए तो कहीं त्वचा का रंग उड़ गया। यहां तक कि सचिन पायलट भी इससे बच नहीं पाए। जब एक प्रख्यात पत्रकार ने ट्विटर पर पूछा कि किया बाल कटाने को आवश्यक सेवा घोषित किया जाना चाहिए तो पायलट ने ट्वीट कर जवाब दिया, 'बहुत देर हो गई। मैंने घर पर ऐसा किया। सब बेकार हो गया।'

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