सीमा पर क्या नई 'चाल' चलने जा रहा चीन,  LAC के पास तैनात की मिसाइल रेजिमेंट : सूत्र

PLA build up near LAC : एलएसी एवं पूर्वी लद्दाख के करीब इतनी बड़ी संख्या में सैन्य हथियारों एवं मिसाइलों की तैनाती पर भारत की ओर से चिंता जाहिर की गई है। सूत्रों का कहना है कि चीन अपनी तरफ सैन्य गतिविधियों से जुड़ी अपनी बुनियादी संरचना को तेजी से उन्नत कर रहा है।

India expresses concerns to China over military buildup opposite Eastern Ladakh
एलएसी के पास चीन ने भारी हथियार तैनात किए हैं।  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • सूत्रों का कहना है कि एलएसी के पास चीन ने मिसाइल रेजिमेंट की तैनाती की है
  • एलएसी के पास कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए उसकी ओर से नई सड़कें बनाई गई हैं
  • सीमा के समीप पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने अपने इलाके में नई हवाई पट्टियां बनाई हैं

नई दिल्ली : वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास पूर्वी लद्दाख के अपनी तरफ चीन बड़ी संख्या में सैन्य जमावड़ा करने के साथ-साथ वहां अपनी सैन्य बुनियादी संरचनाओं को आधुनिक बना रहा है। इस पर भारत ने चिंता जताई है। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि एलएसी के पास कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) नई सड़कें बना रही है। एलएसी के पास पीएलए रहने के लिए नए ढांचे एवं संरचनाओं का निर्माण किया है। यही नहीं एलएसी के अपनी तरफ चीन ने मिसाइल रेजिमेंट सहित भारी हथियार तैनात कर दिए हैं।

LAC के पास सैन्य हथियारों एवं मिसाइलों की तैनाती-सूत्र

रिपोर्ट के मुताबिक एलएसी एवं पूर्वी लद्दाख के करीब इतनी बड़ी संख्या में सैन्य हथियारों एवं मिसाइलों की तैनाती पर भारत की ओर से चिंता जाहिर की गई है। सूत्रों का कहना है कि चीन अपनी तरफ सैन्य गतिविधियों से जुड़ी अपनी बुनियादी संरचना को तेजी से उन्नत कर रहा है। वह सड़कों को चौड़ा करने के साथ साथ नई हवाई पट्टियों का निर्माण कर रहा है। ये हवाई पट्टियां काशगर, गार गुंसा एवं होतान के अतिरिक्त हैं। सत्रों के मुताबिक चीन एलएसी के पास अपनी सैन्य स्थिति मजबूत करने के लिए एक बड़ा राजमार्ग का निर्माण भी कर रहा है। 

'अपनी सैन्य गतिविधियों को छिपाकर रखना चाहता है'

चीन नहीं चाहता कि एलएसी के पास उसकी ये सैन्य गतिविधियां अमेरिका एवं सैटेलाइट की नजर में आए। इसलिए, वह अपनी इन गतिविधियों को दुनिया की नजर से छिपाकर रखना चाहता है। इसलिए वह एलएसी के अपने अंदरूनी इलाकों में बुनियादी संरचनाओं के निर्माण पर जोर दे रहा है। चीन को पता है कि पूर्वी लद्दाख जैसे इलाकों में उसके जवान मौसम का सामना नहीं कर सकते इसलिए उसने तिब्बत से जवानों की भर्ती की है और उन्हें सीमाई इलाकों में तैनात किया है। सूत्रों का कहना है कि पिछली साल के सर्दी के मुकाबले चीन ने इस बार अपने सैनिकों के लिए ज्यादा अच्छी तैयारी की है। उसने सैनिकों के रहने के लिए इस बार बेहतर शेल्टर बनाए हैं और सड़क कनेक्टिविटी अच्छी की है। पीएलए ने अपने सैनिकों को मौसम के अनुकूल के ढाला है।  

सीमा के समीप 'दोहरे इस्तेमाल' वाले गांव का निर्माण किया

पूर्वी सेना कमान के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने गत अक्टूबर महीने में इस बात की ओर इशारा किया था कि चीन ने सीमा पर अपने सैन्याभ्यास में बढ़ोत्तरी की है। साथ ही वह यहां पर 'दोहरे इस्तेमाल' वाले गांव एवं सैनिकों के रहने के लिए ढांचे का निर्माण किया है। सैन्य अधिकारी ने कहा कि सेना 'चिकेन नेक' इलाके में संभावित चीनी खतरे से निपटने के लिए तेजी से काम कर रही है। यही नहीं, सरकार अक्टूबर 2013 में हुए बॉर्डर डिफेंस कोऑपरेशन अग्रीमेंट (बीडीसीए) सहित मौजूद सीमा समझौतों की समीक्षा कर रही है। सरकार यह देखेगी कि पूर्वी लद्दाख में 17 महीने तक चले गतिरोध के मद्देनजर ये समझौते कितने प्रासंगिक हैं। 

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