गलवान घाटी पर चीन के दावे को भारत ने नकारा, कहा- गलवान घाटी के संबंध में स्थिति ऐतिहासिक रूप से स्पष्ट है

India on Galwan Valley: गलवान घाटी पर चीन के दावे को नकारते हुए भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि गलवान घाटी क्षेत्र के संबंध में स्थिति ऐतिहासिक रूप से स्पष्ट है।

India-China border dispute
गलवान घाटी पर भारत ने स्पष्ट किया रुख 
मुख्य बातें
  • चीन लगातार गलवान घाटी पर अपना दावा कर रहा है
  • चीन की तरफ से कहा गया है कि भारत की वजह से 15 जून को हिंसक झड़प हुई
  • भारत ने चीन के हर दावे को नकार दिया है और कहा है कि LAC के पार भारत ने कोई कार्रवाई नहीं की

नई दिल्ली: भारत ने गलवान घाटी में चीन के दावों को सिरे से खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने गलवान घाटी इलाके पर चीन के संप्रभुता के दावे को खारिज करते हुए कहा कि इस इलाके के संबंध में स्थिति ऐतिहासिक रूप से स्पष्ट है। गलवान पर चीन का दावा अतीत की चीन की स्थिति के अनुरूप नहीं है। गलवान घाटी में एलएसी को लेकर चीनी पक्ष की ओर से बढ़ा-चढाकर और झूठे दावे करने के प्रयास स्वीकार नहीं है। भारतीय सेनाएं गलवान घाटी समेत भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के सभी सेक्टरों में एलएसी के संरेखण से पूरी तरह परिचित हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पार किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की। भारतीय सैनिक लंबे समय से इस इलाके में गश्त करते रहे है और कोई घटना नहीं हुई।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि मई की शुरुआत से चीनी पक्ष इस क्षेत्र में भारत की सामान्य गश्त प्रक्रिया में बाधा डाल रहा है। इसके परिणामस्वरूप टकराव हुआ, इस पर दोनों पक्षों के सैन्य कमांडरों के बीच बातचीत हुई। हम इस विवाद को स्वीकार नहीं करते हैं कि भारत एकतरफा स्थिति बदल रहा था। इसके विपरीत, हम इसे बनाए हुए थे। चीनी पक्ष द्वारा अतिक्रमण की गतिविधियों का हमेशा हमारी ओर से उचित जवाब दिया गया है। मई के मध्य में चीनी पक्ष ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र के अन्य क्षेत्रों में LAC को लांघने करने का प्रयास किया। इन प्रयासों की हमसे उचित प्रतिक्रिया मिली।

इसके बाद दोनों पक्ष एलएसी पर चीनी गतिविधियों से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए पहले से स्थापित डिप्लोमैटिक और मिलिट्री चैनल्स के माध्यम से चर्चा में लगे हुए थे। वरिष्ठ कमांडरों ने 6 जून 2020 को मुलाकात की और एलएसी पर डी-एस्केलेशन की प्रक्रिया पर सहमति व्यक्त की जिसमें पारस्परिक कार्रवाई शामिल थी। दोनों पक्ष एलएसी पर यथास्थिति को बदलने के लिए कोई गतिविधि नहीं करने के लिए सहमत हुए थे। 

हालांकि, चीनी पक्ष ने गल्वान वैली क्षेत्र में LAC के संबंध में इन समझौतों का पालन नहीं किया और LAC के पार ढांचा खड़ा करने की कोशिश की। जब इस प्रयास को नाकाम कर दिया गया था, तो चीनी सैनिकों ने 15 जून 2020 को हिंसक कार्रवाई की जिसमें सैनिक हताहत हुए।

गलवान घाटी पर चीन का दावा

वहीं चीन ने गलवान घाटी पर दावा किया है। गलवान घाटी पर दावा करते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने 15 जून को हुई हिंसक झड़प की कड़ी को बताया। झाओ लिजियान ने ट्वीट कर कहा है, 'गलवान घाटी चीन-भारत सीमा के पश्चिम सेक्शन में वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीन की ओर है। कई वर्षों से चीनी सीमा सैनिक इस क्षेत्र में गश्त और ड्यूटी पर हैं।' 

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर