मलेशिया को फिर फटकार, भारत ने कहा-बिना सोचे समझे कश्मीर पर मत बोलो 

देश
आलोक राव
Updated Feb 07, 2020 | 13:13 IST

India on Malaysia: पाकिस्तान और मलेशिया के इस साझा बयान पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कश्मीर पर साझा बयान में दिए गए संदर्भों को पूरी तरह से खारिज करते हुए भारत ने मलेशिया से इससे बाज आने के लिए कहा।

India rejects J-K referance in Pak-Malaysia joint staement,मलेशिया को फटकार, भारत ने कहा-बिना सोचे समझे कश्मीर पर मत बोलो 
हाल के महीनों में मलेशिया ने कश्मीर पर दिए हैं बयान। 
मुख्य बातें
  • मलेशिया ने पाकिस्तान के साथ कश्मीर पर संयुक्त बयान जारी किया है
  • भारत ने सधे लहजे में कहा कि बिना सोचे समझे बयान न दे मलेशिया
  • कश्मीर पर बयान देने के बाद मलेशिया के साथ रिश्ते में आई है कड़वाहट

नई दिल्ली: भारत के बार-बार समझाने और ताकीद करने के बावजूद मलेशिया कश्मीर पर अपने रुख में बदलाव नहीं ला रहा है। पाकिस्तान के साथ मिलकर वह लगातार ऐसे बयान दे रहा है जो भारत के साथ उसके संबंधों में और गिरावट ला सकता है। ताजा मामला कश्मीर पर मलेशिया-पाकिस्तान के उस साझा बयान का है जिसमें जम्मू-कश्मीर की तुलना फिलिस्तीन एवं रोहिंग्या समस्या से करते हुए इसका समाधान संयुक्त राष्ट्र के नियमों एवं प्रस्तावों के अनुसार करने की बात कही गई है। 

पाकिस्तान और मलेशिया के इस साझा बयान पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कश्मीर पर साझा बयान में दिए गए संदर्भों को पूरी तरह से खारिज करते हुए भारत ने मलेशिया से इससे बाज आने के लिए कहा। भारत ने कहा कि पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद का केंद्र हैं और इस बारे में मलेशियाई नेतृत्व को अपनी समझ बेहतर बनाने की जरूरत है।  विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, 'मलेशिया-पाकिस्तान के संयुक्त बयान में कश्मीर के बारे में जो बातें कही गई हैं, भारत उसे पूरी तरह से खारिज करता है। कश्मीर भारत का आतंरिक एवं अलग न किए जा सकने वाला हिस्सा है।'

बयान के अनुसार, 'हम मलेशिया के नेतृत्व का आह्वान करते हैं कि वह आतंकवाद सहित उससे जुड़े अन्य तथ्यों पर अपनी बेहतर समझ विकसित करे क्योंकि पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद का केंद्र बिंदु है। पाकिस्तान आतंकवादियों को भर्ती करने और उन्हें प्रशिक्षण देने का काम करता है। इसके बाद वह उनका इस्तेमाल भारत में आतंकवादी घटनाओं के लिए करता है।'

बता दें कि इमरान खान का मलेशिया दौरा बुधवार को संपन्न हुआ। इमरान के इस दौरे के बाद दोनों देशों का संयुक्त घोषणापत्र जारी हुआ। इस घोषणापत्र में कहा गया, 'फिलिस्तीन, जम्मू कश्मीर और रोहिंग्या मुद्दे का समाधान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के उपयुक्त आधारों एवं संयुक्त राष्ट्र महासभा के चार्टर, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों एवं कानूनों के तहत होनी चाहिए।' मलेशिया में एक थिंकटैंक के साथ बातचीत में इमरान ने कहा, 'म्यांमार, कश्मीर जैसी घटनाओं पर मुस्लिम देशों को एक साथ आना चाहिए क्योंकि इन देशों में धार्मिक आधार पर उत्पीड़न हो रहा है।'

गौरतलब है कि भारत और मलेशिया के संबंध कुछ समय से ठीक नहीं हैं। गत पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर पर बयान दिया। इसके बाद उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर भी भारत सरकार की आलोचना की है। 

जाहिर है कि मलेशिया ने अपने बयानों के जरिए भारत के साथ अपने संबंधों में असहजता पैदा की है। भारत और मलेशिया के रिश्ते में आई कड़वाहट का असर महातिर की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। भारत ने मलेशिया से आयात होने वाले पॉम ऑयल में भारी कटौती कर दी है। भारत मलेशिया से पॉम ऑयल का आयात करने वाले सबसे बड़ा देश है। 

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