नई दिल्ली: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कहा है कि देश में कोविड-19 के कारण 734 डॉक्टरों को अपनी जान गंवानी पड़ी और न कि सिर्फ 162 को जिस बारे में संसद को सूचित किया गया है। आईएमए ने बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे को एक पत्र लिखा, जिसमें कहा गया था कि एसोसिएशन के पास उपलब्ध विवरणों के अनुसार मौतों की संख्या सरकार के पास उपलब्ध आंकड़ों से अधिक है।
पत्र में प्रोफेसर डॉ. जे ए जयलाल, राष्ट्रीय अध्यक्ष और डॉ. जयेश एम लेले, मानद महासचिव आईएमए ने कहा कि वे राज्यसभा में मंत्री द्वारा की गई घोषणा से हैरान थे। मंत्री ने मंगलवार को कहा था कि पिछले साल भारत में बीमारी की शुरुआत के बाद से 22 जनवरी, 2021 तक कोविड-19 के कारण केवल 162 डॉक्टरों की मृत्यु हुई है।
अब आईएमए ने कहा कि देश में आज तक कोरोना वायरस के कारण 734 डॉक्टरों ने अपनी जान गंवाई है, जिनमें से 431 सामान्य चिकित्सक हैं। IMA ने कहा, 'अफसोस की बात है कि 25 डॉक्टर 35 साल से कम उम्र के थे। भले ही डॉक्टरों ने उच्च वायरल लोड और उच्च केस फैटेलिटी रेशियो का सामना किया, लेकिन उन्होंने चिकित्सा पेशे की सर्वश्रेष्ठ परंपराओं में राष्ट्र की सेवा करने का विकल्प चुना।भारत सरकार इस तथ्य को स्वीकार करने और उचित महत्व और मान्यता देने में विफल रही।'
आईएमए ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक विनाशकारी महामारी में आधुनिक चिकित्सा के अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं ने परोपकार की लड़ाई लड़ी और बदले में न केवल अपनी जान गंवाई, लेकिन सरकार द्वारा इनका ठीक से आंकड़ा भी प्रलेखित नहीं किया गया था। डेटा की पुष्टि करने में भारत सरकार की उदासीनता की निंदा करने के अलावा, उन्होंने कोविड-19 पीड़ितों के परिवारों के लिए मुआवजा देने में देरी करने का भी मुद्दा उठाया।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा को मंगलवार को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जानकारी दी कि कोविड-19 महामारी की वजह से अब तक 162 डॉक्टरों, 107 नर्सों और 44 आशा कर्मियों की जान जा चुकी है।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।