Pamban Bridge: तमिलनाडु के रामेश्वरम में मौजूद ऐतिहासिक पांबन ब्रिज जल्द ही रिटायर होने वाला है। बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर के बीच 100 से ज्यादा सालों से भरोसे का सफर इस पुल के जरिए लोग करते रहे हैं। इसकी जगह लेगा नई तकनीक से पाम्बन में देश का एकमात्र वर्टिकल लिफ्ट पुल बन रहा है। सबसे पहले मौजूदा पंबन ब्रिज को जानिए। मौजूदा पंबन पुल तमिलनाडु में मंडपम शहर को पांबन द्वीप और रामेश्वरम द्वीप से जोड़ता है। इस पुल को 24 फरवरी 1914 को खोला गया था। पांबन ब्रिज भारत का पहला सी-ब्रिज है...जिसका निर्माण अंग्रेजों ने अपने व्यापार मार्ग को आसान बनाने के लिए किया था।
अब समझिए की नया पुल किन मायनों में अलग होगा। जिस वर्टिकल लिफ्ट तकनीक पर पुल बनेगा वो क्या है? वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज मतलब ऐसा पुल जो ऊपर की ओर उठ सकता है। पांबन में बन रहा ये वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज देश का पहला ऐसा पुल होगा। बेहद ही नई तकनीक से इसे बनाया जाएगा। 100 किमी तक तेज हवाओं की मार झेलना हो, या फिर समंदर की शक्तिशाली लहरों का मुकाबला। एक सदी से पंबन का ये पुल समंदर में सीना ताने खड़ा है। जाहिर है नया पुल इससे भी मजबूत बनेगा।
पुल का जो ढांचा तस्वीरों में दिख रहा है वो आखिर काम कैसे करेगा, ये हम आपको बताते हैं। पांबन में बन रहा नया पुल करीब 2.1 किलोमीटर लंबा होगा। मंडपम् से रामेश्वरम द्वीप तक ये पुल होगा। रामेश्वरम के साथ धनुषकोठी की यात्रा करने वाले यात्री भी इस ब्रिज का इस्तेमाल करेंगे। सब ठीक रहा तो दिसंबर के अंत तक पुल बन जाएगा। 500 करोड़ से ज्यादा का की लागत इस पुल को बनने में आएगी।
लेकिन इस नए पुल को बनाना आसान नहीं होगा। समझिए क्यों? चुनौती सिर्फ तेज हवाओं को लेकर नहीं है, बल्कि समंदर के खारे पानी से पुल को बचाते हुए इसे टिकाऊ बनाने की है। पांब का नया पुल बनाना इंजीनियर्स के लिए भले ही चुनौतीपूर्ण है लेकिन तैयार होने के बाद ये किसी इंजीनियरिंग अजूबे से कम नहीं होगा। साथ ही समंदर में बना ये देश का दूसरा बड़ा पुल बन जाएगा।
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