नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह के साथ देश के पहले स्वदेशी विमान वाहक (IA-1) का जायजा लेने के लिए कोचीन शिपयार्ड की यात्रा करेंगे, इसके निर्माण में लंबी देरी हुई है, इस पोत को नौसेना के बेड़े में शामिल किये जाने पर आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) के नाम से जाना जाएगा।
रक्षा मंत्री कोच्चि में विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के निर्माण की समीक्षा करेंगे, हिंद महासागर क्षेत्र में बढ़ते चीनी आक्रमण के मद्देनजर एक अतिरिक्त विमानवाहक पोत महत्वपूर्ण है। INS विक्रांत भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर है। इसका समुद्री परीक्षण 2021 में शुरू होने की उम्मीद है और इसे 2022 तक कमीशन कर दिया जाएगा ऐसा कहा जा रहा है।
इसे ‘Indigenous Aircraft Carrier 1 (IAC-1)’ के नाम से भी जाना जाता है, INS विक्रांत का निर्माण भारतीय नौसेना के लिए कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है
बताया जा रहा है कि देश के पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत विक्रांत का निर्माण इस समय तीसरे चरण में है। कोच्चि शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) में बनाए जा रहे 40 हजार टन के इस पोत के 2021 की शुरुआत में जलावतरण की संभावना है।
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