नई दिल्ली: राजस्थान के बाड़मेर जिले की भारत-पाक सीमा के पास भी अब किसान खेती (farming) कर सकेंगे बीएसएफ की ओर से इस मामले में उन्हें पास के जरिए खेती करने की अनुमति देने का फैसला किया गया है इस फैसले के बाद तरह अब राजस्थान पंजाब के बाद दूसरा राज्य हो गया है जहां किसान पाकिस्तान बॉर्डर से लगे खेतों में काम करेंगे।
ये किसान करीब 28 साल बाद अब अपने खेतों में फसल पैदा कर सकेंगे, सीमा सुरक्षा बल ने इसके लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। डीआईजी ने हाल ही में किसानों से लंबी बातचीत की थी कि किसान सुरक्षित तरीके से खेती कर सकें इसके लिए वहां गेट भी लगवाए जा रहे हैं।
गौर हो कि ढेरों ऐसे किसान हैं जिनके खेत पाकिस्तान बॉर्डर पर हैं, ये खेत तारबंदी और जीरो प्वाइंट के बिल्कुल करीब हैं, ऐसे में पिछले 28 साल से इनपर खेती करने की मनाही थी और किसानों को इसके बदले न तो मुआवजा मिला और न ही फसलों का उत्पादन हुआ था।
सीमा सुरक्षा बल की तरफ से इजाजत मिलने का बाद किसानों में खुशी की लहर है, यहां अपने खेतों पर किसान 28 साल बाद फसलों का उत्पादन कर सकेंगे। जानकारी के अनुसार किसान 1992 से अपने जमीन में खेती नहीं कर पा रहे हैं इस प्रतिबंध से सबसे ज्यादा इस सीमा से लगे गांव के किसान प्रभावित हैं इसको लेकर हाईकोर्ट ने भी सरकार से कहा था कि किसानों को या तो मुआवजा दिया जाए या फिर उन्हें खेती करने दिया जाए।
वहीं यहां पर खेती करने के लिए कुछ नियम भी तय किए गए हैं,उन्हें स्पेशल पास और आईडी कार्ड बनवाने पड़ेंगे बीएसएफ के जारी पास दिखाकर सुबह 9 बजे एंट्री दी जाएगी शाम 5 बजे कड़ी जांच-पड़ताल होगी और उसके बाद घर वापसी होगी 8 घंटे बॉर्डर तारबंदी पार खेती के लिए छूट रहेगी वहीं महिला किसानों की महिला जवान चेकिंग करेंगी।
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