क्या रामपुर से सांसद चुना जाना ही आजम खान का सबसे बड़ा जुर्म है?

देश
Updated Aug 03, 2019 | 00:03 IST | मनोज यादव

आजम खान अपनी बदजुबानी को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहे हैं, लेकिन इस बार उनके खिलाफ दर्जनों मुकदमे दर्ज हो चुके हैं, जिससे वो सुर्खियों में हैं।

azam khan
आजम खान अपनी बदजुबानी को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहे हैं (फाइल फोटो) 

नई दिल्लीः इन दिनों आजम खान के खिलाफ धडाधड़ कार्रवाई की जा रही हैं, जिससे वो काफी सुर्खियों में हैं। प्रदेश की पुलिस और प्रशासन के अलावा अब वो ईडी के भी राडार पर आ गए हैं। उनके खिलाफ भाजपा प्रत्याशी जयाप्रदा चुनाव तो हार गईं, लेकिन केंद्र में उनकी सरकार होने से चुनावों के दौरान और उसके पूर्व की गई अभद्र टिप्पणियों का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है।

अगर आजम खान चुनाव हार गए होते, तो शायद उनके विश्वविद्यालय में न तो पुलिस की एंट्री होती और न ही उनके खिलाफ दर्जनों मुकदमे दर्ज किए जाते।  

संसद में आजम खान को मांगनी पड़ी माफी
संसद में आजम खान को माफी मांगनी पड़ी। यह उनके लिए एक शर्मनाक वाकया है। साथ ही रामपुर के सांसद आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान के खिलाफ प्रदेश सरकार की नजरें काफी टेढ़ी हो गई हैं। आजम खान के खिलाफ दर्जनों मुकदमें दर्ज किए गए हैं और उन्हें राज्य में भू माफिया घोषित कर दिया गया है। आजम खान के खिलाफ जो मामले दर्ज किए गए हैं, वो जौहर विश्वविद्यालय को लेकर हैं। विश्वविद्यालय के निर्माण के समय उन्होंने किसानों से जो जमीन ली थी, वो किसानों की मर्जी से नहीं, बल्कि किसानों पर दबाव बनाकर ली गई थी। अब राज्य में उनकी सरकार नहीं है तो किसान मुखर होकर सामने आ रहे हैं और एक के बाद एक मुकदमें दर्ज किए जा रहे हैं। 

जौहर विश्वविद्यालय में चोरी की किताबें बरामद
इसके अलावा जौहर विश्वविद्यालय में चोरी की किताबें भी पकड़ी गई हैं, जो दो सौ साल पुरानी हैं। ये किताबें किसी मदरसे से चुराई गई हैं। विश्वविद्यालय में जब पुलिस और प्रशासन इन सब चीजों की जांच में लगा था, तो अब्दुल्ला साहब ने कामकाज में बाधा डालने की कोशिश की, जिसकी वजह से उन्हें हिरासत में लेकर थोड़ी देर बाद निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया। अब्दुल्ला की गिरफ्तारी पर समाजवादियों में उबाल आ गया और वे सड़कों पर उतर गए। चारों तरफ धारा 144 लगानी पड़ गई। 

आजम खान ने अर्जित की है अकूत संपत्ति
आजम खान नौ बार विधायक रह चुके हैं और राज्य में जब-जब समाजवादी पार्टी की सरकार बनी है उसमें वो रसूखदार मंत्री रहे हैं। इसके अलावा उनकी पत्नी राज्यसभा सांसद हैं और बेटे अब्दुल्ला आजम खान स्वार विधानसभा सीट से विधायक हैं। इन सबके अलावा सैफई परिवार के काफी करीबी लोगों में से एक हैं। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव से काफी करीबी रिश्ता है। इन्हीं सबके दम पर आजम खान ने अथाह संपत्ति अर्जित की है, जिसकी अब सरकार जांच कराएगी। इसीलिए ईडी ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। 

क्या रामपुर से सांसद चुना जाना है आजम खान का सबसे बड़ा जुर्म?
प्रदेश में भाजपा सरकार बने हुए तकरीबन दो साल से अधिक समय बीत चुका है और अबकी बार सांसद चुने जाने के बाद अचानक आजम खान को क्यों टारगेट किया जाने लगा है? क्या इसलिए कि भारतीय जनता पार्टी किसी भी कीमत पर रामपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहती है? आजम खान रामपुर सीट से नौ बार विधायक रह चुके हैं और पहली बार यहां से सांसद चुने गए हैं।

आजम खान ने यहां पहले समाजवादी पार्टी के टिकट पर रामपुर से सांसद रह चुकी जयाप्रदा को हराया है। अब वो भारतीय जनता पार्टी में हैं और उसी के टिकट पर चुनाव लड़ीं थीं, लेकिन वो चुनाव हार गईं। बताया जा रहा है कि विधानसभा के लिए होने वाले उपचुनाव में भाजपा जयाप्रदा को टिकट देने जा रही है और समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को मैदान में उतारने जा रही है। ताकि विधानसभा में वो समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधित्व कर सकें।

उपचुनाव में सभी सीटों पर कब्जा करना चाहती है भाजपा
उत्तर प्रदेश में 12 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव कराये जाने हैं, जिनमें से 10 सीटें भाजपा के खाते की हैं और एक-एक सीट पर सपा-बसपा का कब्जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी की कोशिश यह है कि वो सभी सीटों पर कब्जा करना चाहती है। सभी सीटों पर जीत दर्ज करने से केंद्रीय नेतृत्व को यह संदेश देने की कोशिश की जाएगी कि योगी का जलवा उत्तर प्रदेश में कायम है। इसीलिए रामपुर के सांसद और स्वार विधायक दोनों लोगों पर कार्रवाई की जा रही हैं।

 

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर