जयशंकर का पाकिस्तान पर निशाना, मुंबई हमले के गुनहगार सत्ता के संरक्षण में 5 स्टार आतिथ्य का आनंद उठा रहे

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Updated Jan 12, 2021 | 23:08 IST | भाषा

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने डिजिटल तरीके से बैठक को संबोधित करते हुए कहा, 'सबसे पहले हमें आतंकवाद के खिलाफ मुकाबले के लिए दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखानी होगी।'

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विदेश मंत्री एस जयशंकर   |  तस्वीर साभार: ANI

संयुक्त राष्ट्र: भारत ने मंगलवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद को उचित ठहराने और उसका महिमामंडन करने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। भारत ने संभवत: पाकिस्तान में छिपे दाउद इब्राहिम का परोक्ष तौर पर हवाला देते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा कि 1993 के मुंबई बम विस्फोटों के लिए जिम्मेदार आपराधिक गिरोहों को न केवल सरकार का संरक्षण ही नहीं मिल रहा बल्कि वे पांच सितारा आतिथ्य का आनंद उठा रहे हैं।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने डिजिटल तरीके से बैठक को संबोधित करते हुए कहा, 'सबसे पहले हमें आतंकवाद के खिलाफ मुकाबले के लिए दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखानी होगी। इस लड़ाई में किंतु-परंतु नहीं होना चाहिए।' उन्होंने कहा कि आतंकवाद को कभी भी उचित नहीं ठहराया जा सकता, ना ही इसका गुणगान किया जा सकता है। सभी सदस्य राष्ट्रों को आतंकवाद से निपटने के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं और समझौते का पालन करना चाहिए।

जयशंकर प्रस्ताव 1373 (2001) को अंगीकृत किए जाने के बाद '20 साल में आतंकवाद से लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और आतंकवादी कृत्यों के कारण अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा' विषय पर यूएनएससी की मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस महीने 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में भारत के अस्थायी सदस्य के तौर पर दो साल के कार्यकाल की शुरुआत के बाद से मंत्री ने पहली बार संबोधित किया।

जयशंकर ने आतंकवाद की समस्या के विश्वसनीय समाधान और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के समक्ष आठ सूत्री कार्ययोजना का भी प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और देशों में संगठित अपराध के बीच जुड़ाव की पहचान की जानी चाहिए और दृढ़ता से इसका समाधान किया जाना चाहिए। जयशंकर इस महीने 15 सदस्यीय परिषद में भारत के शामिल होने के बाद यूएनएससी को संबोधित करने वाले भारत के शीर्ष नेता हैं। उन्होंने कहा, 'हमने देखा है कि 1993 मुंबई बम विस्फोटों के लिए जिम्मेदार आपराधिक गिराहों को ना केवल सत्ता संरक्षण मिल रहा बल्कि वे पांच सितारा आतिथ्य का भी आनंद उठा रहे हैं।'

पिछले साल अगस्त में पाकिस्तान ने पहली बार माना था कि दाउद इब्राहिम उसकी सरजमीं पर मौजूद है। जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरा मापदंड नहीं अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकवादी आतंकवादी हैं। अच्छे या बुरे आतंकवादी नहीं होते। जो ऐसा मानते हैं उनका अपना एजेंडा है और जो उन्हें छिपाने का काम करते हैं वह भी दोषी हैं। 

चीन पर भी निशाना

उन्होंने परोक्ष रूप से चीन का हवाला दिया, जिसने जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के भारत के प्रयासों को बार-बार बाधित करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा, 'हमें आतंकवाद रोधी और पाबंदी से निपटने के लिए समितियों के कामकाज में सुधार करना होगा। पारदर्शिता, जवाबदेही और कदम उठाया जाना समय की मांग है। बिना किसी कारण के सूचीबद्ध करने के अनुरोध पर रोक लगाने की प्रवृत्ति बंद होनी चाहिए। यह हमारी सामूहिक एकजुटता की साख को ही कम करता है।' पाकिस्तान में रह रहे आतंकवादी अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करवाने के लिए भारत को करीब 10 साल तक मशक्कत करनी पड़ी। पाकिस्तान के सदाबहार सहयोगी चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के भारत के प्रयासों में बार-बार अडंगा डाला। भारत को अंतत: मई 2019 में तब बड़ी कूटनीतिक कामयाबी मिली जब चीन द्वारा प्रस्ताव पर रोक हटाए जाने के बाद संयुक्त राष्ट्र ने अजहर के खिलाफ पाबंदी लगा दी।

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