श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में कई पर्यटन स्थल हैं, जो ऐतिहासिक, धार्मिक कारणों से भी पर्यटकों, श्रद्धालुओं को खूब लुभाते हैं। इनकी प्राकृतिक छटा देखते ही बनती है तो इनका अपना आध्यात्मि महत्व भी है। जम्मू में कटरा स्थित वैष्णो देवी धर्मस्थल भी ऐसा ही है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। सरकार की योजना यहीं वैष्णो देवी मंदिर के पास कटरा थीम पार्क स्थापित करने की है, जो पर्यटकों के लिए एक अलग आकर्षण होगा।
यह थीम पार्क भारतीय पौराणिक कथाओं, विशेषकर रामायण और महाभारत को प्रदर्शित करने वाला होगा, जिसके लिए जम्मू कश्मीर के प्रशासन ने निवेशकों को आमंत्रित किया है। अधिकारियों के अनुसार, कटरा थीम पार्क शिक्षा और मनोरंजन का समिश्रण होगा। जम्मू और कश्मीर ने आर्थिक विकास के जिस अलग रास्ते पर चलने का लक्ष्य रखा है, उसमें पौराणिक कथाएं निश्चित रूप से प्रमुखता से शामिल होंगी।
वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, केंद्र शासित प्रदेश ने विकास का जो रास्ता चुना है, वह सीमेंट बनाने वाली फैक्ट्रियों का निर्माण करके नहीं, बल्कि लीक से हटकर अपनाए गए रास्ते पर चलते हुए आगे बढ़ेगा।
कटरा थीम पार्क के लिए करीब 500 करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता है, जिसके लिए डिजनी जैसे किसी विदेशी साझेदार की तलाश है। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से यह थीम पार्क से रोजगार के बड़े अवसर पैदा होने की संभावना है, जिसकी सीमा पार आतंकवाद से परेशान इस केंद्र शासित प्रदेश को सख्त जरूरत है।
यह थीम पार्क चूंकि वैष्णो देवी मंदिर के पास होगा, इसलिए यहां बड़ी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने के आसार हैं। वैष्णो देवी दर्शन के लिए हर साल करीब 80 लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं और ऐसे में इस थीम पार्क में भी बड़ी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने की उम्मीद है। अधिकारियों के मुताबिक, यह थीम पार्क रोजाना माता वैष्णो देवी के दर्शन के बाद सैकड़ों श्रद्धालुओं को आकर्षित करने वाला होगा।
अधिकारियों के मुताबिक, केंद्र सरकार इस पहल का समर्थन कर रही है और इसके समर्थन से जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) उद्यम के तहत एक विदेशी भागीदार की तलाश शुरू कर दी है। जम्मू कश्मीर में निवेश के लाभ के बारे में बताते हुए अधिकारियों ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में प्रगतिशील, प्रतिस्पर्धी और निवेशक-अनुकूल नीतियां, व्यवसाय करने की प्रतिस्पर्धी लागत, एक अनुकूल कार्य वातावरण और कुशल श्रम है।
अधिकारियों ने कहा कि इसके 20 जिलों में 57 औद्योगिक एस्टेट, औद्योगिक और क्षेत्र-विशिष्ट भूमि बैंक की उपलब्धता, प्राचीन और प्रदूषण मुक्त वातावरण, बड़े कैप्टिव बाजार और पड़ोसी राज्यों के उपभोक्ताओं तक आसान पहुंच भी है।
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