नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों के पुर्ननिर्धारण के लिए परिसीमन आयोग ने आज दिल्ली में अपने सहयोगी सदस्यों की एक बैठक बुलाई है। आयोग के पांच सहयोगी सदस्य हैं जो जम्मू-कश्मीर से पांच लोकसभा सांसद हैं। इससे पहले इसी साल फरवरी में परिसीमन आयोग की पहली बैठक का बहिष्कार करने के बाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने आखिरकार आज होने वाली बैठक में भाग लेने का फैसला किया है।
आयोग की बैठक से पहले ही इसे लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा कि उन्हें परिसीमन आयोग पर भरोसा नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह भाजपा के एजेंडे पर काम कर रहा है।उन्होंने भाजपा पर एनआईए और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का इस्तेमाल करने का आरोप भी लगाया और कहा कि "पीडीपी इस तरह के कदमों से डरने वाली नहीं है। महबूबा ने कहा, 'जहां तक परिसीमन आयोग का सवाल है, यह भाजपा का आयोग है। उनका प्रयास अल्पसंख्यक के खिलाफ बहुसंख्यक को खड़ा करने तथा लोगों को और अधिक शक्तिहीन करने का है। वे भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए (विधानसभा) सीट की संख्या को इस तरह से बढ़ाना चाहते हैं।'
वहीं पीडीपी के उलट नेशनल कांफ्रेंस ने आज होने वाली परिसीमन आयोग की बैठक शामिल होने की सहमति जताई है। कश्मीर और श्रीनगर से लोकसभा सदस्य फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद परिसीमन आयोग की बैठक में शामिल होंगे। हालांकि बैठक में शामिल होने से पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस ने परिसीमन आयोग से बैठक का एजेंडा मुहैया कराने की अपील की है।
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