'जम्‍मू कश्‍मीर भारत का अभिन्‍न अंग, किंतु-परंतु का सवाल ही नहीं', PAK को फिर मिला करारा जवाब

देश
Updated Sep 21, 2019 | 15:55 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

कश्‍मीर पर भारत के खिलाफ दुनियाभर से समर्थन मांग रहे पाकिस्‍तान को अब अजमेर शरीफ के चिश्ती फाउंडेशन के अध्यक्ष हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने जवाब दिया है।

Syed Salman Chishty
अजमेर शरीफ के चिश्ती फाउंडेशन के अध्यक्ष हाजी सैयद सलमान चिश्ती  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • चिश्ती फाउंडेशन के अध्यक्ष हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने पाकिस्‍तान को आईना दिखाया है
  • उन्‍होंने साफ कहा कि जम्‍मू-कश्‍मीर भारत का अभिन्‍न अंग है और इसमें कोई संशय नहीं है
  • उन्‍होंने कश्‍मीरी अवाम से भी अपील की कि वे कश्‍मीर की समृद्धि के लिए आगे आएं

जेनेवा : कश्‍मीर पर पाकिस्‍तान की 'हाय-तौबा' के बीच अजमेर शरीफ के चिश्ती फाउंडेशन के अध्यक्ष हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने उसे आईना दिखाया है और कहा कि जम्‍मू-कश्‍मीर भारत का अभिन्‍न अंग है और इसमें 'किंतु, परंतु' का कोई सवाल ही नहीं है। भारत के बारे में गलत सूचनाएं फैलाने को लेकर उन्‍होंने पाकिस्‍तान को आड़े हाथों लिया तो जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निष्‍प्रभावी बनान के केंद्र सरकार के फैसले का भी समर्थन किया।

सलमान चिश्‍ती जेनेवा यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, जब उन्‍होंने कहा कि यह एक बड़ा अवसर है और इसका लाभ लेने, अपने बच्‍चों के भविष्‍य को संवारने और कश्‍मीर को समृद्ध बनाने के लिए आगे आना चाहिए और यहां की खुशहाली में योगदान देना चाहिए। चिश्‍ती परिवार से 26वीं पीढ़ी के गद्दी-नशीं (Hereditary Custodian) सलमान चिश्ती ने कहा कि कश्‍मीर सूफी संतों की भूमि है। यहां सूफी, ऋषि और भक्ति परंपरा एक साथ परवान चढ़ी। आज भी सर्दियों में कश्‍मीर से ख्‍वाजा गरीब नवाज के दर पर शीष नवाने आने वाले, जिनमें अधिकांश बकरवाल और गुज्‍जर समाज के लोग होते हैं, उन्‍हें ऋषि कहकर ही संबोधित करते हैं, न कि सैयद साहब या हदरात।

कश्‍मीर में मानवाधिकारों के उल्‍लंघन के पाकिस्‍तान के प्रोपेगैंड को भी उन्‍होंने सिरे से खारिज किया और कहा, 'पाकिस्‍तान की अपनी समझ है, जिसके आधार पर वह कश्‍मीर के 8-9 करोड़ लोगों के लिए अपने हिसाब से कुछ भी कहता है। लेकिन क्‍या उसे भारत में शांतिपूर्वक और खुशहाल जीवन बिता रहे 18 करोड़ मुसलमान नजर नहीं आते, जो वर्षों से राष्‍ट्र-निर्माण में योगदान देते आ रहे हैं। यह उसकी अपनी समस्‍या है, जिसके कारण उसने भारत की पूरी तस्‍वीर को लेकर आंखें बंद कर रखी हैं।'

सूफी आध्‍यात्मिक नेता का यह बयान ऐसे समय में आया है, जबकि पाकिस्‍तान कश्‍मीर पर लगातार दुष्‍प्रचार कर रहा है और युद्ध की धमकियां भी दे रहा है। हालांकि उसने दुनियाभर से भारत के खिलाफ समर्थन की गुहार लगाई, पर कोई भी मुल्‍क उसके साथ जाने को तैयार नहीं दिख रहा है। यहां तक कि मुस्लिम देशों ने भी पाकिस्‍तान को नसीहत दी है कि वह संयम से काम ले और भारत के खिलाफ तनाव बढ़ाने वाले बयान न दे।

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