Jammu & Kashmir : BJP के लिए क्यों खास है DDC चुनाव का नतीजा? 

देश
आलोक राव
Updated Dec 23, 2020 | 07:43 IST

जम्मू-कश्मीर में अब तक के चुनाव में भाजपा जम्मू संभाग में सीटें जीतती आई है लेकिन घाटी में अब तक उसका खाता नहीं खुला था। बीते समय में वह विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव लड़े लेकिन घाटी में उसे सफलता नहीं मिली।

Jammu & Kashmir : Why DDC poll result is big boost for BJP?
BJP के लिए क्यों खास है DDC चुनाव का नतीजा?   |  तस्वीर साभार: PTI

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। चुनाव में फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाला सात क्षेत्रीय दलों का गुपकर गठबंधन मंगलवार को कुल 280 में से 244 सीटों के परिणाम आने तक 96 सीटों पर जीत कर चुका था वहीं भाजपा 70 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। अभी तक 46 निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली है। कांग्रेस के हिस्से में 21 सीटें आयी हैं। डीडीसी चुनाव के नतीजे भाजपा के लिए विशेष महत्व रखते हैं क्योंकि पहली बार उसने कश्मीर घाटी में सीटें जीती हैं। एनसी और पीडीपी के गढ़ वाले इलाके में सीटें जीतकर भाजपा ने संदेश दिया है कि घाटी में उसे लोग स्वीकार्य करने लगे हैं। 

पहली बार कश्मीर घाटी में सीटें जीती भाजपा
जम्मू-कश्मीर में अब तक के चुनाव में भाजपा जम्मू संभाग में सीटें जीतती आई है लेकिन घाटी में अब तक उसका खाता नहीं खुला था। बीते समय में वह विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव लड़े लेकिन घाटी में उसे सफलता नहीं मिली लेकिन डीडीसी चुनाव में श्रीनगर, पुलवामा और बांदीपोरा में सीटें जीतकर उसने अपनी दस्तक दे दी है। घाटी का इलाका पीडीपी और नेशनल कॉंफ्रेंस का गढ़ माना जाता है जबकि भाजपा का दबदबा जम्मू क्षेत्र तक माना जाता था। जाहिर है कि घाटी में इस जीत के बाद भाजपा का उत्साह बढ़ेगा। भाजपा का कहना है कि घाटी में उसने 20 से ज्यादा निर्दलीय उम्मीदवारों को अपना समर्थन दिया था और ये उम्मीदवार विजयी हुए हैं।

अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार हुए चुनाव
जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को केंद्र सरकार ने गत पांच अगस्त 2019 को खत्म कर दिया। इसके खिलाफ नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के नेतृत्व में राज्य की सात क्षेत्रीय पार्टियों ने पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लयरेशन (पीएजीडी) बनाकर चुनाव लड़ा। चुनाव में इन दलों ने अनुच्छेद 370 की वापसी को एक बड़ा मुद्दा बनाया था। चुनाव में गुपकार अलायंस ने सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं जबकि सिंगल पार्टी के तौर पर भाजपा सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं। दोनों इस जीत के अलग-अलग मायने बता रहे हैं। गुपकार अलायंस का कहना है कि जनता ने अनुच्छेद 370 की बहाली चाहती है जबकि भाजपा का दावा है कि जनता अनुच्छेद 370 से आगे बढ़ चुकी है और उसने विकास की राजनीति को अपनाया है।

पूरे केंद्र शासित प्रदेश की पार्टी बनी भाजपा
भाजपा की इस जीत पर केंद्रीय मंत्री एवं उधमपुर से सांसद जितेंद्र सिंह ने कहा कि डीडीसी चुनाव के नतीजे ने भाजपा को अब पूरे राज्य की पार्टी बना दिया है। अब पार्टी की उपस्थिति कश्मीर सहित केंद्र शासित प्रदेश के सभी भागों  में हो गई है। ऐसा पहली बार होगा जब डीडीसी चुनाव में जीते हुए उम्मीदवार जम्मू-कश्मीर के संविधान की जगह भारत के संविधान का शपथ लेंगे। राज्य में डीडीसी चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न हुए हैं और लोगों की भागीदारी बढ़ी है इससे राज्य में जल्द से विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं। इस बार चुनाव में लोगों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में श्रीनगर सीट पर मजह 7.9 प्रतिशत वोट पड़ा था लेकिन इस बार यहां 35.3 फीसदी मतदान हुआ।

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