भ्रष्टाचार पर मिले संदेश के बीच जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद की बैठक, क्या है मायने

पटना में जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होने जा रही है।इसे कई मायनों में अहम माना जा रहा है क्योंकि बैठक से पहले इस तरह के पोस्टर लगाए गए थे जो दिल्ली कूच की तरफ इशारा कर रहे थे।

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पटना में जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 
मुख्य बातें
  • पटना में जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक
  • बैठक से पहले पटना की सड़कों पर दिल्ली कूच का संदेश
  • बैठक से पहले जेडीयू को मणिपुर में झटका

जनता दल यूनाइडेट की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शनिवार को होने जा रही है। इस बैठक को आम चुनाव 2024 के नजरिए से भी अहम माना जा रहा है। लेकिन इस बैठक से ठीक पहले जेडीयू को मणिपुर में झटका लगा जब उसके 6 में से पांच विधायक बीजेपी का हिस्सा बन गए। इसके साथ ही शुक्रवार को कोच्चि में पीएम नरेंद्र मोदी ने बिना नाम लिए भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया और कहा कि आप देख सकते हैं कि किस तरह चुनाव से पहले भ्रष्टाचार के मामलों का सामना करने वाले लोग कुचक्र रच रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के इस बयान के तुरंत बाद सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि आखिर भ्रष्टाचारियों को कौन बचाएगा। इसके साथ यह भी कहा कि जो लोग इस तरह का आरोप लगा रहे हैं वो यह भी तो देखें कि अगल बगल के राज्यों में क्या हो रहा है। 

जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद की बैठक
जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले तेलंगाना के सीएम के चंद्रेशखर राव ने पटना का दौरा किया था। मीडिया से नीतीश कुमार और केसीआर दोनों मुखातिब हो रहे थे। लेकिन कई ऐसे प्रसंग आए जो नीतीश कुमार के लिए असहज थे। उनसे जब पूछा गया कि क्या वे दिल्ली पर दावेदारी के बारे में सोचते हैं तो जवाब गोलमोल था। यहां सवाल यह है कि क्या कोई अगर तीसरा मोर्चा बनता है तो उसका चेहरा के चंद्रशेखर राव या ममता बनर्जी या नीतीश कुमार खुद होंगे। क्या इन लोगों में किसी एक नाम पर सहमति बन सकेगी। यही सवाल सबसे अहम है। 

क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का कहना है कि अगर जिन राज्यों में क्षेत्रीय दलों की सरकार है अगर वो एक साथ मंच पर आते हैं तो निश्चित तौर पर बीजेपी के लिए 2019 के प्रदर्शन को दोहरा पाना आसान नहीं होगा। जिस तरह से विपक्षी दल केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का सवाल उठा रहे हैं उसे ध्यान में रखकर एक मंच पर चुनाव लड़ने के लिए आ सकते हैं। यह हो सकता है कि क्षेत्रीय दलों के मोर्चे में पहले इस बात पर एका बन जाए कि हम सबको अपना ध्यान बीजेपी को दिल्ली से बेदखल करने पर केंद्रित करना चाहिए। 

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