Jharkhand CM mining case: चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन को अयोग्य ठहराया- सूत्र

भाजपा ने इस मामले में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 9-ए के तहत हेमंत सोरेन की अयोग्यता की मांग की है। सोरेन पर इसी धारा के उल्लघंन का आरोप लगा है।

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हेमंत सोरेन की सदस्यता पर खतरा  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • हेमंत सोरेन की जा सकती है सीएम की कुर्सी
  • चुनाव आयोग ने राज्यपाल को भेज दी है अपनी रिपोर्ट
  • ऑफिस ऑफ प्रोफिट के मामले में जा सकती है हेमंत सोरेन की कुर्सी

झारखंड में हेमंत सोरेन की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन की सदस्यता लाभ के पद मामले में रद्द कर दी है। चुनाव आयोग की 50 पन्नों की रिपोर्ट झारखंड के राज्यपाल को मिल गई है। अब राज्यपाल इसकी घोषणा कभी भी कर सकते हैं।

क्या है मामला

दरअसल सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने सीएम पद पर रहते हुए अपने नाम पर कोयले का खदान आवंटित कर दिया था। इसी को लेकर भाजपा ने विधायक के रूप में उनकी अयोग्यता की मांग की थी। 

हालांकि, झारखंड के मुख्यमंत्री की लीगल टीम ने चुनाव आयोग के समक्ष जोर देकर कहा था कि चुनाव कानून के वे प्रावधान, जिनका उल्लंघन करने का उन पर आरोप लगाया गया है, इस मामले में लागू नहीं होते हैं। 12 अगस्त को, सोरेन की लीगल टीम ने चुनाव आयोग के समक्ष अपनी दलीलें पूरी की थीं। जिसके बाद मामले में याचिकाकर्ता भाजपा ने जवाब दिया था। 18 अगस्त को दोनों पक्षों ने चुनाव आयोग को अपनी लिखित दलीलें सौंपी थीं।

क्या है कानून

संविधान के अनुच्छेद 192 के तहत, जब यह बात सामने आती है कि राज्य के विधानमंडल के सदन के किसी सदस्य पर अयोग्यता का सवाल खड़ा हुआ है तो इसके बारे में निर्णय राज्यपाल लेंगे। इस तरह के सवाल पर कोई निर्णय देने से पहले, राज्यपाल निर्वाचन आयोग से राय प्राप्त करते और उसकी राय के अनुसार ही फिर वो फैसला लेते हैं। 
 

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