नई दिल्ली। श्रीराम मंदिर तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की दिल्ली में बुधवार को पूर्ण बैठक हुई जिसमें आगे की रूप रेखा का फैसला किया गया। लेकिन तारीख को लेकर निर्णय नहीं लिया गया। इन सबके बीच लखनऊ में एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने मस्जिद के लिए ट्रस्ट का राग अलापा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से मंदिर के लिए ट्र्स्ट का गठन किया गया है वैसे ही मस्जिद के लिए भी ट्रस्ट बन सकता है। सवाल यह है कि शरद पवार के इस बोल के पीछे कोई मंतव्य तो नहीं छिपा है क्योंकि उद्धव ठाकरे का कहना है कि सरकार के 100 दिन पूरा होने पर मार्च के महीने में वो अयोध्या जाएंगे।
'मस्जिद के लिए बनाया जाए ट्रस्ट'
शरद पवार कहते हैं कि यह देश तो सबका है, अगर सरकार हिंदुओं के हित में बड़े फैसले कर सकती है तो मुस्लिम समाज के पक्ष में फैसला करने में हिचक क्यों होनी चाहिए। धार्मिक तौर पर अल्पसंख्यक समाज में विश्वास बहाली के लिए सरकार को बड़े फैसले करने चाहिए। अगर अदालत ने पांच एकड़ जमीन आवंटिक करने का आदेश दिया तो ट्रस्ट गठन में आगे आना चाहिए। बता दें कि यूपी सरकार ने मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या से करीब 15 किमी दूर रौनाही में पांच एकड़ जमीन आवंटित कर चुकी है।
ये है पुराना मॉडल
पुराने मॉडल में 2.75 लाख घन मीटर भूभाग पर दो मंजिला राम मंदिर बनाया जाएगा। मंदिर की लंबाई 270 मीटर, चौड़ाई 140 फीट और ऊंचाई 128 फीट होगी। 330 बीम और दोनों मंजिल पर 106-106, यानी कुल 212 खंभों वाले मंदिर में पांच दरवाजे होंगे। इसमें गर्भगृह, कौली, रंग मंडप, नृत्य मंडप और सिंह द्वार में किया जाना है। मंदिर के मुख्य द्वार में मकराना का सफेद संगमरमर इस्तेमाल में लाया जाएगा। गर्भगृह के ठीक ऊपर 16.3 फीट के प्रकोष्ठ का निर्माण होगा, जिस पर 65.3 फीट ऊंचे शिखर का निर्माण होगा।
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