कन्हैयालाल मर्डर केस में रियाज-गौस का 26/11 कनेक्शन, एक नजर

उदयपुर कन्हैयालाल मर्डर केस में दोनों मुख्य आरोपी गौस मोहम्मद और रियाज एनआईए की कस्टडी में हैं। इन सबके बीच वारदात के बाद जिस बाइक के जरिए वो फरार हुए थे उसका नंबर 2611 है।

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कन्हैयालाल मर्डर केस और रियाज-गौस का 26/11 का कनेक्शन, नजर 

उदयपुर में कन्हैया लाल की बर्बरता के साथ हुई हत्या के पीछे की असल वजह क्या है। क्या मदरसों में सर कलम करने की शिक्षा दी जाती है। क्या मदरसों में ऐसी कट्टरपंथी सोच को पढ़ाया जाता है और इसी की वजह से ऐसी घटनाएं होती है।अगर ऐसा होता है तो कट्टरवादी सोच वाली बीमारी की सर्जरी कब होगी। उदयपुर में बेरहमी से जो कत्लेआम हुआ। क्या ये हिंदुस्तान को सीरिया बनाने की साजिश हो रही है।क्या मोदी विरोध में हिंदुस्तान को इस्लामिक स्टेट बनाने का प्लान चल रहा है।ये सवाल हम इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि कन्हैया हत्याकांड में जो खुलासे हो रहे हैं वो बेहद ही चौकाने वाले हैं ।

रियाज और गौस का 26/11 का कनेक्शन
धर्म के नाम पर कन्हैयालाल की हत्या करने वाले रियाज और गौस का 26/11 का कनेक्शन सामने आया है। रियाज और गौस ने हत्या के दौरान जिस मोटर साइकिल का इस्तेमाल किया था उसका नंबर 2611 था। सवाल है कि क्या 26/11 के आतंकी हमले से प्रभावित होकर जानबूझकर बाइक का ये नंबर लिया गया था। जांच में ये पता चला है कि 28 जून को कन्हैया लाल की हत्या के बाद दोनों इसी बाइक से भागे थे। पकड़े जाने से पहले दोनों ने इसी बाइक से 170 किलोमीटर की दूरी तय की थी। दोनों 2611 नंबर की इसी बाइक से राजसमंद होते हुए अजमेर मार्ग पर निकल गए थे। 


राजस्थान में दंगा भड़काने के 
लिए कन्हैया का मर्डर ?

रियाज, गौस 8 जिलों में 
स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे 

स्लीपर सेल तैयार करने के 
लिए अरब से फंडिंग 

जयपुर में सीरियल 
ब्लास्ट की प्लानिंग थी

इंटरनेट कॉलिंग से
 ISIS से संपर्क की आशंका

पाकिस्तान के मौलाना ने 
रियाज का ब्रेनवॉश किया

ट्रेनिंग के लिए रियाज 
और गौस पाकिस्तान गए

पाकिस्तान के कराची में 
रियाज, गौस की ट्रेनिंग

रियाज जब्बार ने 20 
साल पहले छोड़ा था घर

रियाज के संबंध आतंकी 
गुट अलसूफा से

5 साल से अलसूफा के लिए 
काम कर रहा था रियाज


खबरों के मुताबिक इस हत्याकांड के पीछे डेंजर प्लान था ।भारत को इस्लामिक स्टेट बनाने की साजिश रची जा रही थी ।रियाज और गौस दोनों आतंकी ISIS को अपना आदर्श मानते थे । ये दोनों दहशतगर्द तालिबान के वीडियो देखते थे ...और वैसे ही तालिबानी सोच को उजागर करते हुए इन्होंने कन्हैया का कत्ल किया। ये दोनों दहशतगर्द हिंदुओं को काफिर समझते थे। इनका संबंध पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से भी सामने आया है ..दोनों ने पाकिस्तान में आतंक की ट्रेनिंग ली थी और एप के जरिए आकाओं से संपर्क में थे ...चिटफंड के जरिए आतंक की फंडिंग करते थे और स्लीपर सेल के जरिए देश विरोधी गतिविधि चलाते थे। जांच एजेंसी के निशाने पर लब्बेक और रसूल अल्लाह नाम से बने दो व्हॉट्सएप ग्रुप हैं। जांच में पता चला है कि इस व्हॉट्सऐप ग्रुप में नफरती मैसेज चल रहे थे। ये सभी मैसेज उर्दू में लिखे जाते थे।

चिट फंड के जरिए पैसा जुटाने की कोशिश
जांच में अभी जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक हत्या का आरोपी गौस चिट फंड से पैसा इकट्ठा कर रहा था। महिलाओं को ज्यादा ब्याज का लालच देकर आतंक की फंडिंग हो रही थी । जांच एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि गौस ने किन लोगों से चिटफंड के जरिए पैसा इकट्ठा किया और इन पैसों का इस्तेमाल क्या देश विरोधी घटनाओं के लिए  किया गया ?
 

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