बेंगलुरु : कोरोना वायरस महामारी ने कई घर उजाड़ दिए। बच्चों के सिर से मां-बाप का साया छीन लिया तो कई मांओं की गोद भी सूनी कर गई। कई परिवारों को यह ऐसा जख्म दे गया है, जो ताउम्र सालता रहेगा। देश आज भी इससे निजात नहीं पा सका है। तीसरी लहर की आशंका के बीच वे सबसे अधिक डरे-सहमे हैं, जिन्होंने महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान अपनों को खोया।
कर्नाटक में कोप्पल के कुश्तागी की 8 साल की मासूम स्पंदना भी उन्हीं लोगों में शामिल है, जिनके अपनों को इस महामारी ने छीन लिया। स्पंदना ने इस महामारी ने अपने पिता महेश को हमेशा के लिए खो दिया, जिसकी शून्यता शायद ही कभी उसकी जिंदगी में भर पाएगी। लेकिन आठ साल की यह मासूम हर गम को छिपाए पिता की यादों के सहारे जिंदगी को जीने की कोशिश कर रही है।
ऐसे में भला जब खास दिन आया तो वह पिता को कैसे भूल जाती। यह खास दिन उसका जन्मदिन था, जब उसके आसपास घर-परिवार के कई लोगों के साथ-साथ नन्हें रिश्तेदारों/दोस्तों का भी साथ मिला, कुछ नहीं था तो बस पिता की सरपरस्ती। लेकिन पिता उसकी यादों में बसे हैं, दिल में बसे हैं, मन-मस्तिष्क में कहीं गहरे समाए हैं और ऐसे में जब केक काटने का वक्त आया तो वह उस जगह पहुंच गई, जहां उसके पिता की अंत्येष्टि संपन्न हुई।
आठ साल की मासूम स्पंदना ने पिता के अंत्येष्टिस्थल पर जन्मदिन मनाया। केक काटा, प्रतीकात्मक तौर पर ही सही पिता को केक भी खिलाया और फिर प्रार्थना भी की। यह सबकुछ कैमरे की नजर में कैद हो गया, जिसे देखकर किसी का भी दिल पसीज जाए। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें बच्ची पिता के अंत्येष्टिस्थल पर केक काटती नजर आ रही है।
वीडियो में एक महिला उसे कटा हुआ केक देती है, जिसे लेकर वह पिता के अंत्येष्टिस्थल की तरफ बढ़ती है और फिर उसे जमीन पर रख उसे पिता को खिलाने जैसा महसूस करती है। वीडियो में 8 साल की वह मासूम हाथ जोड़े प्रार्थना करती भी नजर आ रही है। एक बेटी और उसके पिता के बीच की बॉन्डिंग और उनके बीच के असीम प्यार को दर्शाता यह वीडियो किसी भी भावनात्मक इंसान की आंखों में आंसू ला देने वाला है।
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