Bengaluru Violence: दंगाइयों को सबक सिखाने के लिए 'योगी मॉडल' पर चली कर्नाटक सरकार

देश
ललित राय
Updated Aug 12, 2020 | 18:53 IST

Bengaluru Violence: कर्नाटक सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जिन दंगाइयों की वजह से संपत्ति को नुकसान हुआ होगा उसकी संपत्ति बेचकर भरपाई की जाएगी। इसके लिए योगी मॉडल अपनाया जाएगा।

Bengaluru Violence: दंगाइयों को सबक सिखाने के लिए योगी मॉडल पर चली कर्नाटक सरकार
एक फेसबुक पोस्ट के बाद बेंगलुरु में हिंसा भड़की थी 
मुख्य बातें
  • फेसबुक पोस्ट पर बेंगलुरु में भड़का था दंगा
  • हिंसा में अब तक तीन लोगों की मौत, करीब 110 लोगों को किया गया है गिरफ्तार
  • कर्नाटक सरकार का कहना है कि जो दंगाई शामिल होंगे उनकी संपत्ति बेचकर भरपाई की जाएगी।

नई दिल्ली। मंगलवार को बेंगलुरु में अमंगल एक फेसबुक पोस्ट पर हो गया जिसमें तीन लोगों की जान चली गई। हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को गोली तक चलानी पड़ी। दंगा मामले में बेंगलुरु पुलिस ने करीब 110 लोगों को गिरफ्तार किया है तो कर्नाटक सरकार ने ऐलान किया है कि जो लोग दंगा में शामिल होंगे उनसे होने वाली क्षति की भरपाई उनकी संपत्ति बेचकर की जाएगी। 

योगी मॉडल के जरिए होगी वसूली
कर्नाटक के पर्यटन मंत्री सी टी रवि का स्पष्ट कहना है कि दंगे पूरी तरह नियोजित थे। जो लोग दंगों में लिप्त पाए जाएंगे उनके साथ किसी तरह की दया नहीं दिखाई जाएगी। अब समय आ चुका है जब इस तरह के लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए पेट्रोल बम और पत्थरों का इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा तीन सौ के करीब गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। फिलहाल जांच में कुछ लोगों के बारे में जानकारी मिली है जो संदिग्ध हैं। लेकिन जांच के बाद जिनकी पुष्टि होगी उनसे वैसे ही वसूली की जाएगी जैसे यूपी की योगी सरकार ने की थी।  

यह है योगी मॉडल

  1. लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में दिसंबर 2019 में  हिंसक प्रदर्शन हुए थे।
  2. दंगाइयों पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार ने स्पष्ट किया था कि नुकसान की भरपाई दंगाइयों की संपत्ति बेचकर ही की जाएगी।
  3. लखनऊ जिला प्रशासन ने पूरे शहर में दंगाइयों के पोस्टर लगवा दिए। हालांकि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आरोपियों से वसूली के पोस्टर पर सख्त टिप्पणी की थी।
  4. सरकार के फैसले को अदालत ने नागरिक के प्रति अपमान करार दिया था। लेकिन अदालती झटकों के बाद भी बावजूद योगी सरकार नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुई हिंसा आरोपियों के पोस्टर पर अडिग रही।
  5. उत्तर प्रदेश रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी अध्यादेश-2020 लेकर आई जिसे कैबिनेट से मंजूरी भी मिल गई।
  6. अध्यादेश के तहत आंदोलनों-प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर दोषियों से वसूली होगी, इसके साथ उनके पोस्टर भी लगाए जाएंगे। 

सांसद तेजस्वी सूर्या ने भी की थी मांग
यहां बता दें कि बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने कर्नाटक सरकार को खत लिखकर मांग की थी कि इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए योगी मॉडल को अपनाए जाने की जरूरत है। यूपी में जिस तरह से सीएए के विरोध में प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था उसकी भरपाई के लिए योगी आदित्य नाथ सरकार ने माकूल कदम उठाए थे। 

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