Karnataka hijab Row: कर्नाटक में छात्राओं के हिजाब पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। इस पर अब सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस, बीजेपी सहित तमाम पार्टियों की तरफ से इस पर लगातार बयान आ रहे हैं। लेकिन इन सबसे परे क्या आप जानते हैं कि आखिर हिजाब किस तरह से बुर्का, नकाब या चादर से अलग है?
इन सभी में अंतर को समझने से पहले यह जान लें कि ये परंपरागत लिबास हैं, जिन्हें मुस्लिम महिलाएं पहनती हैं। इनमें सबसे अधिक प्रचलित बुर्का और हिजाब ही हैं, जो भारतीय उपमहाद्वीप में मुस्लिम महिलाएं पहनती हैं। आइये जानते हैं इन परंपरागत इस्लामिक लिबास से इससे जुड़ी खास बातें:
कर्नाटक में इन दिनों जिस लिबास को लेकर विवाद छिड़ा है, वह हिजाब ही है। खास तौर युवा लड़कियां इसे अपने सिर और गर्दन पर बांधती हैं। इसके जरिये वे अपने सिर के बाल, कान और गर्दन को कवर करती हैं। वे सलवार कुर्ती के साथ-साथ जींस पर भी इसे खूब पहनती हैं।
भारतीय समाज की मुस्लिम महिलाओं में परंपरागत लिबास के तौर पर चादर भी खूब प्रचलन में है। देखने में यह कई बार बुर्के का भ्रम दे जाता है, लेकिन बुर्का से अलग इससे केवल शरीर का ऊपरी हिस्सा ही ढका जाता है। महिलाएं आम तौर पर इसे सिर पर रखते हुए शरीर पर लपेट लेती हैं। यह टोपी के साथ भी आता है, जिसमें आंखों के पास जाली लगे होते हैं। यह ज्यादातर कामकाजी व उम्रदराज महिलाओं द्वारा इस्तेमाल होता है।
बुर्का ऊपर से नीचे तक शरीर ढकने वाला परंपरागत इस्लामिक लिबास है, जिसका इस्तेमाल भारतीय समाज में कुछ मुस्लिम महिलाएं करती हैं। यह दो हिस्सों में होता है। निचला हिस्सा कुर्ते की तरह लंबा होता है, जो कंधों से लेकर पैरों तक का होता है। इसे अबाया कहा जाता है। इसमें सिर को कवर करने के लिए अलग से एक हिस्सा होता है, जो चेहरे को भी ढकता है। इसमें आंखों के पास का हिस्सा खुला होता है।
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नकाब का इस्तेमाल शरीर के ऊपरी हिस्से को ढकने के लिए किया जाता है। इससे केवल सिर और चेहरा कवर होता है। शरीर का निचला हिस्सा इससे कवर नहीं होता। इसमें भी आंखों के पास की जगह ही खुली रहती है।
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