Karnataka: ईदगाह मैदान में गणपति बप्पा के स्वागत की तैयारियां जोरों पर, सुरक्षा सख्त

Karnataka Idgah Maidan: हुबली ईदगाह मामले में, याचिकाकर्ता ने कहा था कि नगर आयुक्त पूजा स्थल को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं सरकार ने कहा था कि यह जमीन विवादित है।

Hubballi Idgah Maidan, Ganesh Chaturthi 2022, Karnataka highcourt
गणेश चतुर्थी की तैयारियां शुरू  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • मंगलवार देर रात हाईकोर्ट ने दी है गणेश चतुर्थी मनाने की अनुमति
  • पूजा के खिलाफ मुस्लिम पक्ष पहुंचा था कोर्ट
  • हाईकोर्ट ने कई शर्तों के साथ दी है पूजा की मंजूरी

कर्नाटक के ईदगाह मैदान में हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब गणेश उत्सव मनाने की तैयारी चल रही है। मंगलवार देर रात को हाईकोर्ट ने ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी माने की अनुमति दी थी।

तैयारियों को लेकर रानी चेन्नम्मा मैदान गजानन उत्सव महामंडल के संयोजक के गोवर्धन राव ने कहा कि रानी चेन्नम्मा मैदान नगर निगम का है, इसलिए हमने समिति महामंडल की ओर से अनुरोध किया था कि यहां इस गणपति उत्सव की अनुमति दी जाए। हम आधे घंटे के भीतर गणपति की मूर्ति स्थापित करेंगे।

पूजा को लेकर राव ने कहा- "पूजा पारंपरिक तरीके से की जाएगी और हम नगर निगम के निर्देश के अनुसार इस त्योहार को 3 दिनों तक मनाने जा रहे हैं। हम दिए गए सभी निर्देशों का पालन करने जा रहे हैं।"

बता दें कि हाईकोर्ट ने बुधवार 31 अगस्त से लेकर 2 सितंबर 2 बजे तक पूजा की अनुमति दी है। सात ही पंडाल की ऊंचाई भी कोर्ट ने तय कर दी है। कोर्ट के अनुसार 30/30 फीट से ऊंचा पंडाल नहीं बन सकता है।

मंगलवार को क्या हुआ

सबसे पहले दिन में कर्नाटक के हुबली-धारवाड़ नगर निगम(एचडीएमसी) ने ईदगाह मैदान में तीन दिनों के लिए गणेश प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति दी थी। हुबली-धारवाड़ के महापौर इरेश अचंतगेरी ने निर्वाचित प्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ चली लंबी बैठक के बाद सोमवार देर रात इस फैसले की घोषणा की थी। महापौर ने कहा था- "सदन की समिति ने कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श लेने के बाद गणेश उत्सव की अनुमति देने की अनुशंसा की थी। इसे उत्सव को अनुमति देने के पक्ष में 28 और विरोध में 11 ज्ञापन मिले थे।"

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पूजा पर रोक लगा दी। इस दौरान उसने मामले के पक्षों से विवाद के निपटारे के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख करने के लिए कहा था। सुप्रीम कोर्ट में लंबी बहस के दौरान वक्फ बोर्ड ने दलील दी कि जमीन पर किसी अन्य समुदाय का कोई धार्मिक आयोजन नहीं हुआ क्योंकि इसे वक्फ संपत्ति घोषित किया गया है। अचानक 2022 में, वे कहते हैं कि यह विवादित भूमि है, और वे यहां गणेश चतुर्थी उत्सव आयोजित करना चाहते है।

इसके बाद हाईकोर्ट में हुबली की अंजुमन ए इस्लाम संस्था पहुंची। जिसके बाद हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए जमीन को विवादित मानने से इनकार कर दिया, लेकिन पूजा की इजाजत दे दी।

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