नई दिल्ली: करतारपुर कॉरिडोर उद्घाटन समारोह के लिए पाकिस्तान ने भारत की उस मांग को ठुकरा दिया है, जिसमें भारत ने करतारपुर में व्यवस्थाओं और प्रोटोकॉल को देखने के लिए भारत से एक को टीम वहां जाने की अनुमति देने को कहा था। पाकिस्तान ने केवल भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को साइट पर जाने की अनुमति दी है। सरकार के सूत्रों से ये जानकारी मिली है।
सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा का आश्वासन दिया है। भारत ने पाकिस्तान से कहा था कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा का ध्यान रखा जाए। किसी भी खालिस्तानी समूह और किसी भी भारत विरोधी गतिविधि को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। ऐसा कोई भी कृत्य ना हो, जो भारत को पसंद ना आए।
भारत से करतारपुर जाने वाले गणमान्य व्यक्ति तीर्थयात्रियों के रूप में पहले जत्थे का हिस्सा होंगे। इसमें पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, हरदीप पुरी और 150 सांसद शामिल हैं। पाकिस्तान ने प्रथम जत्थे से उद्घाटन समारोह का हिस्सा बनने का अनुरोध किया था।
सरकार के सूत्रों के अनुसार, 'भारत ने स्पष्ट रूप से पाकिस्तान को इन लोगों को उच्चतम स्तर की सुरक्षा प्रदान करने के लिए कहा है। सिख फॉर जस्टिस (SFJ) द्वारा भारत विरोधी गतिविधियों की धमकी भारत के लिए चिंता का विषय है।'
भारत ने पाकिस्तान के साथ आतंकी खतरों को साझा किया है। भारत इंतजार करेगा और देखेगा कि पाकिस्तान किस तरह अपनी प्रतिबद्धता निभाता है।
इसके अलावा भारत ने पाकिस्तान के आईबी मंत्रालय द्वारा करतारपुर कॉरिडोर पर लॉन्च किए गए आधिकारिक वीडियो में जरनैल सिंह भिंडरावाले (खालिस्तानी अलगाववादी) की तस्वीर पर संज्ञान लिया है। भारत ने कूटनीतिक माध्यमों से वीडियो पर आपत्ति जताई है। करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन से ठीक पहले पाकिस्तान ने एक प्रमोशनल वीडियो जारी किया है, जिसमें भिंडरावाले सहित तीन खालिस्तानी आतंकियों का पोस्टर भी नजर आ रहा है।
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