बिहार के कानून और गन्ना मंत्री रहे कार्तिकेय सिंह ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि बीजेपी और दुष्प्रचार ना करे इसलिए इस्तीफा दे दिया। बीजेपी के लोग उनकी पार्टी आरजेडी और नीतीश सरकार को बदनाम कर रहे थे इसलिए उन्हें लगा कि इस्तीफा दे देना चाहिए। बता दें कि अपहरण के मामले में दानापुर कोर्ट में सुनवाई हुई और फैसला शाम 4.30 बजे आना है।
कार्तिकेय सिंह ने और क्या कहा
2014 का है अपहरण केस
बीजेपी ने 2014 के अपहरण के एक मामले में कार्तिकेय के नामजद होने के बावजूद उन्हें कैबिनेट में शामिल किए जाने पर सवाल खड़ा करते हुए उन्हें मंत्री पद से हटाए जाने की मांग की थी। बीजेपी की प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने राज्य में इन मंत्रियों के विभागों में फेरबदल पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बुधवार को कार्तिकेय सिंह का विभाग बदल दिया गया। यह नीतीश की नई जीरो टॉलरेंस नीति है कि फंसाते भी हम है, बचाते भी हम है। हम ही लालू (राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष), तेजस्वी, अनंत सिंह, आनंद मोहन को फंसाएंगे और जब हमारे शरण में आ जाइएगा तो हम ही बचाएंगे।
कैबिनेट में फेरबदल पर दोहरा रुख क्यों
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि बिहार में कैबिनेट फेरबदल से समस्या क्यों है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीयूष गोयल और स्मृति ईरानी जैसे केंद्रीय मंत्रियों के विभागों को बदल दिया तो किसी को कोई समस्या नहीं थी। भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी के कार्तिकेय पर आरोप लगाया था कि अपहरण के एक मामले में समन जारी होने के बावजूद पेश नहीं होने पर उनके खिलाफ वारंट जारी किया गया था और उन्होंने उसी दिन शपथ ली थी जिस दिन उन्हें एक अदालत में पेश होना था।
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