Lesbian couple: केरल हाई कोर्ट ने 31 मई को एक लेस्बिनय कपल को एक साथ रहने की अनुमति दी। उन्हें उनके माता-पिता ने अलग कर दिया था। यह आदेश आदिला नसरीन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद जारी किया गया। आदिला नसरीन ने कहा कि उन्हें और उनकी साथी फातिमा नूरा को उनके परिवारों द्वारा शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया था। छह दिन पहले नूरा को उसके रिश्तेदारों ने अगवा कर लिया था।
नसरीन ने आरोप लगाया कि उसके साथ रहने के लिए अलुवा आई फातिमा नूरा का उसके परिवार ने अपहरण कर लिया था और वह नहीं मिली। बाद में मंगलवार की सुबह नूरा के लापता होने का दावा करते हुए हाई कोर्ट में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण दायर किया गया था। हाई कोर्ट ने सुबह याचिका पर विचार करते हुए पुलिस को फातिमा नूरा को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया। याचिकाकर्ता आदिला नसरीन को भी उसी समय अदालत में तलब किया गया था।
जस्टिस विनोद चंद्रन की पीठ ने स्पष्ट किया कि वयस्कों के लिए एक साथ रहना प्रतिबंधित नहीं है। उच्च न्यायालय ने आदिला नसरीन द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का भी निपटारा किया। आदिला नसरीन ने कहा कि यह कठिन था और हमें भावनात्मक रूप से थका दिया। हमें LGBTQ समुदाय के लोगों का भरपूर समर्थन मिला। केरल हाई कोर्ट के आदेश से हम खुश और स्वतंत्र हैं। दरअसल, हम पूरी तरह आजाद नहीं हैं क्योंकि हमारे परिवार अब भी हमें धमका रहे हैं।
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22 साल की नसरीन और 23 साल की नूरा सऊदी अरब में स्कूल के दिनों से ही रिलेशनशिप में हैं। लेकिन उनके रिश्ते का उनके माता-पिता ने विरोध किया था। बाद में ग्रेजुएशन के बाद दोनों ने साथ रहने का फैसला किया। लेकिन दोनों परिवारों ने इस कदम का विरोध किया।
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