केरल में PFI नेता का हाई कोर्ट के जजों पर विवादित बयान- 'जजों के इनरवियर भगवा हैं', किया गया गिरफ्तार 

Innerwear is Saffron: केरल पॉपुलर फ्रंट (PFI) के नेता याहिया थंगल ने हाईकोर्ट पर विवादित टिप्पणी करते हुए कहा है कि-जजों के इनरवियर भगवा हैं।

KERALA HIGH COURT
केरल हाईकोर्ट (फाइल फोटो) 

नई दिल्ली: केरल उच्च न्यायालय ने पुलिस को अलाप्पुझा में 21 मई की रैली के संबंध में कथित भड़काऊ नारेबाजी के संबंध में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। वहीं केरल पॉपुलर फ्रंट (PFI) के नेता याहिया थंगल (yahiya-tangal) ने शनिवार को हाईकोर्ट के जजों के खिलाफ एक विवादास्पद टिप्पणी की और कहा कि उनका 'इनरवियर भगवा है।'

थंगल ने कहा, 'अदालतें अब आसानी से चौंक रही हैं। अलाप्पुझा रैली के नारे सुनकर हाईकोर्ट के जज चौंक रहे हैं। क्या आप इसका कारण जानते हैं? कारण यह है कि उनके 'इनरवियर' भगवा हैं।'

याहिया थंगल को किया गया गिरफ्तार 

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के एक नेता को संगठन की ओर से हाल ही में आयोजित एक मार्च के दौरान एक नाबालिग लड़के द्वारा कथित रूप से भड़काऊ नारे लगाने के मामले में रविवार सुबह अलप्पुझा से गिरफ्तार कर लिया गया। अलप्पुझा जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मामले में याहया थंगल की गिरफ्तारी की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि थंगल को हिरासत में ले लिया गया है, क्योंकि वह उस कार्यक्रम के आयोजकों में से एक था जहां कथित तौर पर नारे लगाए गए थे।

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पीएफआई नारेबाजी मामले में पुलिस अब तक नारे लगाने वाले बच्चे के पिता समेत 27 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। याहिया थंगल वही शख्स है जिसने शनिवार को हाई कोर्ट के जजों के बारे में विवादास्पद टिप्पणी की थी। याहया को त्रिशूर से हिरासत में लेने पर पीएफआई कार्यकर्ताओं ने सरकार और आरएसएस के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया।

वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया था

21 मई को पीएफआई ने गणतंत्र बचाओ रैली निकाली थी, जिसके एक वीडियो में एक व्यक्ति के कंधे पर बैठे नाबालिग लड़के को कथित रूप से आपत्तिजनक नारे लगाते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया था। इससे पहले शनिवार को पीएफआई कार्यकर्ताओं ने बच्चे के पिता को पुलिस हिरासत में लिए जाने के खिलाफ पल्लुरूथी में विरोध प्रदर्शन किया था। नारेबाजी विवाद के इस मामले में सबसे पहले एरात्तूपेट्टा निवासी अनस को गिरफ्तार किया गया था। अनस ने ही अपने कंधे पर बच्चे को बैठा रखा था।

सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की युवा शाखा डीवाईएफआई ने आरोप लगाया कि नारेबाजी धर्मनिरपेक्ष केरल को विभाजित करने के सांप्रदायिक एजेंडे का हिस्सा है। वहीं पीएफआई ने एक बयान जारी कर कहा था कि इस तरह के नारे संगठन की नीति के खिलाफ हैं और वह इस मामले को देखेगा।

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