कोच्चि। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दो दिन की राहत के बाद मंगलवार को केरल के 11 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी कर भारी बारिश का संकेत दिया है।मौसम विज्ञानी ने गुरुवार को भी राज्य के 12 जिलों को ऑरेंज अलर्ट पर रखा है।आईएमडी ने 20 अक्टूबर को तिरुवनंतपुरम, पठानमथिट्टा, कोट्टायम, एर्नाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझीकोड, वायनाड और कन्नूर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया था।
केरल में ऑरेंज से लेकर रेड अलर्ट तक
21 अक्टूबर को कन्नूर और कासरगोड को छोड़कर सभी जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। रेड अलर्ट 24 घंटों में 20 सेमी से अधिक की भारी से अत्यधिक भारी बारिश का संकेत देता है, जबकि ऑरेंज अलर्ट 6 सेमी से 20 सेमी बारिश के लिए बहुत भारी बारिश को दर्शाता है। येलो अलर्ट का मतलब है 6 से 11 सेंटीमीटर के बीच भारी बारिश का अनुमान है। केरल दक्षिण-मध्य जिलों में भारी बारिश और उसके बाद भूस्खलन से तबाह हो गया था 15 और 16 अक्टूबर को जिसके परिणामस्वरूप 24 लोगों की जान चली गई, खोज और बचाव अभियान अभी भी जारी है।
कई और डैम के गेट खोले गए
केरल में जलस्तर में वृद्धि तथा आने वाले दिनों में और बारिश के अनुमान के मद्देनजर इदामलयार और पम्पा बांधों के द्वार मंगलवार को तड़के खोल दिए गए।राज्य सरकार के कक्की और शोलेयार बांध के द्वार खोलने के एक दिन बाद यह कदम उठाया गया है।एर्नाकुलम जिला प्रशासन ने इदामलयार बांध के दो और तीन नंबर के द्वार को 50 सेंटीमीटर तक खोलने की पुष्टि की है। वहीं, पतनमतिट्टा जिला प्रशासन ने पम्पा बांध के तीन और चार नंबर के द्वार को 45 सेंटीमीटर तक खोलने की पुष्टि की।
राज्य सरकार ने सोमवार को घोषणा की थी कि पेरियार नदी के इर्द-गिर्द बने इडुक्की बांध, एर्नाकुलम में इदामलयार बांध और पतनमतिट्टा में पम्पा बांध के द्वारों को मंगलवार को खोला जाएगा।केरल में पिछले सप्ताह भारी बारिश के बाद अब कई हिस्सों में हालांकि वर्षा धीमी हुई है, लेकिन इन बांधों में पानी का स्तर खतरे के निशान से ऊपर होने तथा बुधवार से और बारिश के अनुमान के मद्देनजर बांधों के द्वार खोलने का निर्णय किया गया है।
सबरीमला में तीर्थयात्रा रोकी गई
मौजूदा स्थिति तथा मौसम के और खराब होने के अनुमान के कारण सोमवार को सबरीमला में भगवान अयप्पा मंदिर में थुला मासम पूजा के लिए तीर्थयात्रा को भी रोक दिया गया था। निचले इलाकों और उन नदियों के पास रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और राहत शिविरों में पनाह लेने का सुझाव दिया गया है, जहां के बांध खोले जाने हैं।राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के अनुसार, केरल में 12 से 18 अक्टूबर के बीच बारिश संबंधी घटनाओं में 38 लोगों की मौत हुई है। इस अवधि में कम से कम 90 मकान नष्ट हुए, जबकि 702 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
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