जानिए कैसे दी जाती दुनिया की पहली DNA और नेजल वैक्सीन, इस तरह काम करती है बूस्टर डोज

देश
किशोर जोशी
Updated Dec 26, 2021 | 00:05 IST

DNA vaccine and Nasal: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार बताया कि कोविड ​​-19 के खिलाफ जल्दी ही नेज़ल वैक्सीन और दुनिया की पहली DNA वैक्सीन भी शुरू होंगी। इसके अलावा पीएम ने बूस्टर डोज का भी ऐलान किया।

Know how the world's first DNA vaccine Nasal to be given, This is how booster dose works
जानिए कैसे दी जाती DNA वैक्सीन, बूस्टर डोज ऐसी करती है डोज 
मुख्य बातें
  • पीएम मोदी ने शनिवार को ही किया बच्चों के लिए वैक्सीन अभियान शुरू करने का ऐलान
  • नेजल और कोरोना की पहली डीएनए वैक्सीन की जल्द होगी शुरुआत
  • पीएम मोदी ने किया प्रिकॉशन डोज का भी ऐलान, बूस्टर डोज की तर्ज पर करेगी काम

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को घोषणा करते हुए कहा कि अगले साल तीन जनवरी से 15 साल से 18 साल की आयु के बीच के बच्चों के लिये कोविड टीकाकरण अभियान की शुरूआत होगी। इसके साथ ही पीएम मोदी ने बूस्टर डोज के आरंभ का ऐलान करते हुए कहा कि 10 जनवरी से स्वास्थ्य व फ्रंट लाइन वर्कर्स, अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित 60 साल से ऊपर के लोगों को एहतियात के तौर पर टीकों की खुराक दिए जाने की शुरुआत की जाएगी।

नेजल वैक्सीन इस तरह करती है काम

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने नेजल वैक्सीन का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे देश में जल्दी ही नेज़ल वैक्सीन और दुनिया की पहली DNA वैक्सीन भी शुरू होंगी। दरअसल नेजल वैक्सीन ऐसी वैक्सीन है जिसे लगाने के लिए सुई का इस्तेमाल नहीं होता है। यह फिलहाल क्लिनिकल ट्रायल से गुजर रही है और भारत बायोटेक द्वारा ही इसे तैयार किया गया है। चूंकि वायरस से पैदा होने वाली अधिकांश बीमारियां या तो मुंह या फिर नाक के लिए शरीर में प्रवेश करती हैं ऐसे में यह ऐसी वैक्सीन है जो नाक के अंदरुनी हिस्सों में प्रतिरोधक क्षमता को तैयार करती है। जिस तरह से देश में ओमिक्रॉन के मामले बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए यह वैक्सीन एक अहम भूमिका अदा कर सकती है।

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डीएनए वैक्सीन

Zydus Cadila शॉट जेनेटिक या न्यूक्लिक एसिड वैक्सीन के रूप में जानी जाने वाली श्रेणी से संबंधित है। कंपनी द्वारा विकसित कोरोना की पहली डीएनए वैक्सीन है। फार्माजेट तरीके से दी जाने वाली इस वैक्सीन की खुराक 28 -28 दिन के अंतराल पर तीन बार दी जाएगी और 18 साल से ऊपर की आयु का कोई भी शख्स इसे ले सकेगा। इस वैक्सीन को लगाने के लिए इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

बूस्टर डोज कैसे करती है काम

अपने संबोधन में पीएम ने एक महत्वपूर्ण ऐलान करते हुए कहा, 'प्रिकॉशन की दृष्टि से सरकार ने निर्णय लिया है कि हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन की ‘प्रिकॉशन डोज’ यानि बूस्टर डोज भी प्रारंभ की जाएगी। इसकी शुरुआत 2022 में, 10 जनवरी, सोमवार के दिन से की जाएगी।' बूस्टर डोज के बारे में बात करते हुए भारत बॉयोटेक के क्लीनिकल लीड डॉ रैशेस एल्ला ने ट्वीट कर कहा वैक्सीन की दूसरी डोज़ के बाद ज्यादा अंतराल में तीसरी डोज़ ज्यादा प्रभावी रहती है क्योंकि इससे ज्यादा समय के लिए प्लाज्मा और मेमोरी सेल बनते हैं यानी इम्युनिटी ज्यादा समय तक रहती है। अपने ट्वीट में डॉ एला ने कहा कि दूसरी डोज़ के 6 महीने बाद बूस्टर डोज़ का अंतराल आदर्श है और इससे ओमिक्रोन के खतरे को भी कम करने मदद मिलेगी।

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