खतरा टला नहीं ! रैणी गांव के ऊपर बनी 350 मीटर लंबी झील

Lake forming above Raini village : राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि जोशीमठ में रैणी गांव के समीप एक झील का निर्माण होने की सूचना मिली है। सीएम ने कहा कि हमें सतर्क रहने की जरूरत है।

 Lake forming above Raini village, CM Rawat says no need to worry
खतरा टला नहीं! रैणी गांव के ऊपर बनी झील 
मुख्य बातें
  • गत रविवार को चमोली जिले में ग्लेशियर फटने की घटना से अलकनंदा नदी में आई बाढ़
  • इस त्रासदी में अब तक 37 लोगों की जान जा चुकी है जबकि तपोवन सुरंग में लोग फंसे हैं
  • रैणी गांव के ऊपर झील बनने की सूचना के बाद मौके पर एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की टीम रवाना

देहरादून : उत्तराखंड में तपोवन इलाके में रैणी गांव के ऊपर एक झील का निर्माण हुआ है जो करीब 350 मीटर लंबी है, इससे वहां तपोवन सुरंग में चलाए जा रहे बचाव कार्य में अवरोध उत्पन्न हो सकता है। इसे देखते हुए राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) की एक टीम हालात का जायजा लेने के लिए वहां पहुंची। टीम का कहना है कि झील से पानी का बहाव है और उस सिलसिले में और जानकारी हासिल की जा रही है। बता दें कि गत रविवार को चमोली जिले में ग्लेशियर फटने की घटना में अब तक 37 लोगों की मौत हो गई है जबकि 204 लोग अभी भी लापता हैं। 

रैणी गांव के ऊपर बनी झील
रैणी गांव के ऊपरी हिस्से में झील बनने की रिपोर्ट की पुष्टि करते हुए एसडीआरएफ की डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल ने कहा, 'इस बात की संभावना है कि तपोवन क्षेत्र के समीप रैणी गांव के ऊपर पानी जमा हो रहा है। स्थिति का जायजा लेने के लिए एसडीआरएफ की एक आठ सदस्यीय टीम वहां पैदल पहुंची। 


सीएम बोले-लोगों को घबराने की जरूरत नहीं

इस बीच, राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि जोशीमठ में रैणी गांव के समीप एक झील का निर्माण होने की सूचना मिली है। सीएम ने कहा कि ताजा स्थिति को देखते हुए हमें सतर्क रहने की जरूरत है लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा, 'वैज्ञानिक इस दिशा में काम कर रहे हैं। हम समीक्षा के लिए वहां पर विशेषज्ञों को हवाई मार्ग से पहुंचाने के बारे में भी सोच रहे हैं।'

NDRF-SDRF की टीम रवाना
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि इलाके में एक झील का निर्माण हो रहा है। इस स्थान पर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की एक संयु्क्त टीम रवाना हुई है। उन्होंने कहा, 'रैणी गांव के ऊपर पर बन रही झील के बारे में पता करने के लिए हमने एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की एक टीम भेजी है।' इससे पहले चमोली पुलिस ने बताया कि ऋषिगंगा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है और इलाके में रहने वाले लोगों को सतर्क कर दिया गया है। पुलिस ने लोगों से अलर्ट रहने और न घबराने के लिए कहा है। 

गुरुवार को बचाव अभियान थोड़ी देर के लिए रुका
गाद से भरी तपोवन सुरंग में फंसे 30-35 लोगों तक पहुंचने के लिए गुरुवार को अभियान फिर शुरू कर दिया गया। इससे पहले धौलीगंगा नदी में जलस्तर बढ़ने से राहत एवं बचावकर्मियों ने अभियान कुछ समय के लिए रोक दिया था। बृहस्पतिवार को दोपहर बाद तब एक और डर पैदा हो गया जब अलकनंदा नदी की सहायक धौलीगंगा में जलस्तर फिर से बढ़ना शुरू हो गया। नदी के जलस्तर में वृद्धि के बाद लगभग 45 मिनट के लिए रुका अभियान फिर शुरू हो गया है, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि वे अब मलबे और गाद से अवरुद्ध सुरंग में छोटी टीमों को ही भेज रहे हैं।

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