यूपी की राजधानी लखनऊ से करीब 150 किमी दूर लखीमपुर खीरी है। तराई के इलाके में आने वाला यह जिला आमतौर पर शांत है। लेकिन दिल्ली की सीमा पर किसान आंदोलन की तपीश को इस जिले के कुछ इलाके महसूस कर रहे थे जिसमें बलवीरपुर और तिकुनिया प्रमुख हैं। बलवीरपुर का संबंध गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष मिश्रा से है और तिकुनिया 3 अक्टूबर की हिंसा के बाद चर्चा में आया जिसमें 9 लोग मारे गए थे। चार की मौत कार द्वारा कुचलने से हुई जबकि पांच लोग भीड़ की हिंसा का शिकार हो गए। शायद यह मामला सामान्य रहा होता। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ क्योंकि जीप से कुचले जाने वाले किसान थे और जिस जीप ने कुचला वो गृह राज्य मंत्री के बेटे की थार थी।
3 अक्टूबर
तीन अक्टूबर की दोपहर में हिंसा के बाद सियासत भी गरमा गई। सभी दलों के नेता लखीमपुर खीरी के लिए रातों रात कूच कर गए। बहुत लोगों को रास्ते में ही रोक दिया गया। लेकिन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी किसी तरह सीतापुर के हरगांव तक पहुंचने में कामयाब रहीं। लेकिन प्रशासन ने उन्हें तीखी बहस के बाद हिरासत में ले लिया। तीन तारीख की रात में ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर का दौरा छोड़कर लखनऊ आए और खुद डैमेज कंट्रोल में लग गए। शासन के आला अधिकारियों को मौके पर भेजा गया
7 अक्टूबर
सात अक्टूबर की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को लताड़ लगाई और कहा कि इस मामले की जांच किस तरह हो रही है, यूपी पुलिस ने अब तक इस केस में क्या कुछ किया है आठ अक्टूबर तक स्टेटस रिपोर्ट सौंपे। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद शाम होते होते दो लोगों की गिरफ्तारी हुई और मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा के खिलाफ नोटिस जारी किया गया कि वो आठ अक्टूबर को सुबह 10 बजे तक पेश हों।
8 अक्टूबर
आठ अक्टूबर को 10 बजे तक आशीष मिश्र क्राइम ब्रांच के सामने पेश नहीं हुए। उस दिन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई तो अदालत ने यूपी सरकार पर ना सिर्फ तंज कसा बल्कि झिड़की लगाई। अदालत ने पूछा कि क्या 302 के मुजरिम से यह कहा जाता है कि आप आइए प्लीज। 302 के आरोपी को तो सामान्य तौर पर कस्टडी में लिया जाता है। अदालत ने इसके अतिरिक्त और कड़े बयान दिए। अदालती झिड़की के बाद दोपहर में क्राइम ब्रांच की तरफ से दूसरी नोटिस चस्पा कर 9 अक्टूबर को 11 बजे तक पेश होने के निर्देश दिए गए थे।
9 अक्टूबर
9 अक्टूबर को 11 बजे से पहले मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा सफेद रुमाल में मुंह ढंके सरेंडर किया। लेकिन सवाल यह है कि क्या उनकी गिरफ्तारी होगी। बताया जा रहा है कि आशीष मिश्रा को सवालों की सूची दी गई है मसलन घटना वाले दिन वो कहां थे, थार जीप किसकी थी।
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