नई दिल्ली। पांच अगस्त का दिन भारतीय इतिहास में सदैव याद किया जाएगा। राम मंदिर भूमि पूजन के साथ ही निर्माण कार्य की औपचारिक शुरुआत हो गई। इस मौके पर पीएम मोदी ने पांच रुपये की डाक टिकट के साथ ही कवर पोस्चर जारी किया। इसके साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीएम नरेंद्र मोदी को कोदंड राम की काष्ठ की बनी प्रतिमा भेंट की। कोदंड राम के बारे में ज्यादातर लोगों को जानकारी नहीं है। यहां पर हम बताएंगे कि कोदंड राम का दक्षिण से क्या संबंध है।
कोदंड राम की कहानी
बताया जाता है कि सीता विवाह के वक्त परशुराम ने श्रीराम को कोदंड धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाने की चुनौती दी। यह धनुष भगवान विष्णु ने परशुराम को दिया था। कथाओं के मुताबिक कोदंड की प्रत्यंचा चढ़ाने के तरीके से परशुराम पहचान गए कि श्रीराम ही विष्णु के अवतार हैं। दक्षिण भारत में 100 से अधिक कोदंड राम मंदिर हैं। दक्षिण भारत में भगवान राम को कोदंड राम के रूप में ही पूजते हैं।
एक पीस की लकड़ी से काष्ठ प्रतिमा का निर्माण
अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉ. वाईपी सिंह ने बताते हैं कि प्रतिमा को एक पीस की लकड़ी से बेंगलुरु के काष्ठ शिल्पी राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त एम रामामूर्ति ने तैयार किया है। सीएम योगी इस प्रतिमा के जरिए अयोध्या को दक्षिण से कनेक्ट करने का संदेश देना चाहते हैं। बुधवार को मंच पर योगी आदित्यनाथ की तरफ से यह खास प्रतिमा भेंट की गई थी।
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