Earthquake in Noida: नोएडा में 3.2 तीव्रता के झटके दर्ज, बार बार क्यों आ रहा है जलजला

low intensity earthquake in noida: नोएडा में भूकंप के हल्के झटके दर्ज किए गए। रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.2 मापी गई है।

Earthquake in noida: नोएडा में भूकंप के हल्के झटके दर्ज, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.2 दर्ज
नोएडा में भूकंप के हल्के झटके 
मुख्य बातें
  • नोएडा में भूकंप के हल्के झटके दर्जस रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3,2 दर्ज
  • भूकंप के एपीसेंटर के बारे में फिलहाल जानकारी नहीं
  • अप्रैल से लेकर दिल्ली एनसीआर इलाके में यह सातवां भूकंप

नई दिल्ली। दिल्ली और एनसीआर के इलाके में जल्दी जल्दी भूकंप क्यों आ रहे हैं। क्या यह किसी बड़े भूकंप की तरह इशारा कर रहा है या सामान्य भूगर्भीय घटना के तौर पर देखा जाना चाहिए। इन सबके बीच बुधवार रात करीब 10 बजकर 42 मिनट पर दक्षिण पूर्व नोएडा में भूकंप के हल्के झटके दर्ज किए गए।  रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.2 मापी गई। बड़ी बात यह है कि पिछले आठ हफ्तों में यह सातवां केस है जब दिल्ली और एनसीआर के नीचे की धरती डोली है। 

10 हजार भूकंप में से कुछ बेहद खतरनाक
भूकंप का आना एक सामान्य घटना है। जानकार कहते हैं कि हर वर्ष 10 हजार से ज्यादा भूकंप दस्तक देते हैं लेकिन ज्यादातर भूकंप समंदर में आते हैं लिहाजा पता नहीं चलता है। कुछ जलजलों की ओरिजिन इतनी नीचे होती है कि शॉक तरंगे महसूस नहीं होती है। कुछ ही जलजले ऐसे होते हैं जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर आठ से अधिक होती है। खासतौर से प्लेट जिसके ऊपर धरती है जब वो आपस में मिलती हैं या एक दूसरे से दूर होती हैं तो भूंकप की आशंका बढ़ जाती है। खासतौर से प्लेटों के आपसी टकराव से ऊर्जा निकलती है और वो तरंगों के रूप में धरती के सतह तक आ जाती है। 

इंट्रा प्लेट में घर्षण खास वजह
अगर बात दिल्ली और एनसीआर की करें तो यहां से एक फॉल्ट लाइन पास होती है जो हरियाणा के बहादुरगढ़ से शुरू होकर मुरादाबाद होते हुए लखनऊ जाती है। जब इंट्रा प्लेट में किसी तरह का घर्षण होता है तो उसकी वजह से भी संचित ऊर्जा तरंगों के रूप में सतह तक आती है और हम कंपन महसूस करते हैं। सामान्य तौर पर रिक्टर स्केल पर पांच तीव्रता वाले भूकंप से खास नुकसान नहीं होता है। लेकिन उसके ऊपर नुकसान होने का डर शुरू हो जाता है। 

यह है फोकस और एपीसेंटर की कहानी
सामान्य तौर पर धरती के सतह पर जहां भूकंप महसूस होता है उसे एपीसेंटर  कहते हैं और जहां से भूकंप की शुरू होता है उसे फोकस। विनास की असली कहानी फोकस से शुरू होती है। धरती में जितनी ज्यादा गहराई में फोकस होता है खतरा उतना कम होता है लेकिन फोकस अगर कम गहराई में जो खतरा ज्यादा होता है। 

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