पंजाब में बेअदबी को लेकर बवाल मचा हुआ है। हर तरफ से सवाल खड़े हो रहे हैं, कोई इसे साजिश बता रहा है तो कोई इसे सियासत से जोड़ रहा है, कोई कह रहा है कि घटना दुखदायी है, लेकिन इन सारी बातों के बाद भी कोई ये नहीं कह रहा है कि लिंचिंग कैसे हो गई, लिंचिंग के पीछे कौन था और उसके खिलाफ कार्रवाई कब होगी? अब सवाल ये उठता है कि लिंचिंग पर चुप्पी क्यों है?
सियासत में धर्म का घालमेल हो जाए तो राजनीतिक दल वोट की गुंजाइश में मौत पर भी चप्पी साधे रहते हैं। अमृतसर में बेअदबी के मामले में लिंचिंग को लेकर कुछ ऐसे ही सवाल उठ रहे हैं। एक शख्स की मौत हो गई, बावजूद इसके राजनीतिक दलों ने ना तो लिचिंग करने वालों को लेकर सवाल उठाए और ना ही मृतक और ना ही मृतक के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। पंजाब में विधानसभा के चनाव होने हैं। ऐसे में जरूरी मद्दों के बीच बेअदबी वाले मामलों पर बयानों की बारिश तो हो रही है। लेकिन किसी भी पार्टी के किसी भी नेता की तरफ से लिंचिंग को लेकर सवाल नहीं ?
सोचिए अगर बेअदबी का आरोपी जिंदा पकड़ लिया जाता तो शायद इस बात का खुलासा हो जाता कि अगर ये साजिश थी तो इसके पीछे कौन है? बेअदबी करने वाला पकड़ में आ जाता तो सबसे बड़ा सबूत कानून के सामने होता और कानून उसे कड़ी से कड़ी सजा भी देता और आगे ऐसी घटना न हो इसके लिए एक लकीर खींच जाती, लेकिन लिंचिंग ने सबूत ही खत्म कर दिया। जांच की सबसे बड़ी कड़ी खत्म हो गई और उसके बाद राजनीति करने का बहाना मिल गया।
अमृतसर से लेकर कपूरथला तक सुरक्षा भी बढ़ा दी गई। SIT गठन के साथ ही दो दिन में रिपोर्ट सौंपने को भी कह दिया गया है। इस पूरी घटना के बाद पुलिस अपने काम में जुटी और राजनीति अपने काम में। SGPC अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि श्री दरबार साहिब में हुई घटना पर उस गलत आदमी के बारे में पता करने के लिए एक SIT बनाई है, हम शिरोमणि वाले भी अपनी एक SIT बना रहे हैं। जिसमें 2 सदस्य होंगे, 4 लोग और भी होंगे। घटना के बारे में पूरी चर्चा होगी।
पूरे प्रकरण को लेकर कई सवाल सामने आ रहे हैं
बेअदबी को समझिए
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