UP में ऑक्सीजन की कमी से मौतें झूठी थीं? आंसू दिखावा थे, सरकारी दावा सच्चा है?

उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान राज्य में ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की मौत नहीं हुई। लेकिन सच इससे बिल्कुल अलग है, उस समय की तस्वीरें सच्चाई बयां करती हैं।

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लोगतंत्र 

लोगतंत्र में उत्तर प्रदेश सरकार के उस आंकड़े की बात हुई, जिसमें प्रदेश के हजारों लोगों के दर्द को झूठा बताया गया है। लोगों के आंसुओं को झुठला दिया गया, लोगों की चीख पुकार को झुठला दिया गया। मीडिया के कैमरे में कैद हर तथ्य को झुठला दिया। यहां तक की अपनी ही पार्टी के विधायकों-सांसदों की गुहार को झुठला दिया। उत्तर प्रदेश सरकार ने ये दावा किया है कि यूपी में ऑक्सीजन की कमी से एक भी शख्स की मौत नहीं हुई है। अब सच क्या है ये तस्वीरें बोलेंगी। इन तस्वीरों को देख आप खुद तय कीजिए कि आखिर सच्चा कौन है कौन झूठा।

दरअसल, कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने ऑक्सीजन की कमी से मौतों की जानकारी मांगी थी, जिसके जवाब में यूपी के स्वास्थ्य मंत्री ने लिखा कि यूपी में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई है। यूपी सरकार लोगों के दर्द, गम, दुख को तो भूल ही गई है, अपने पार्टी विधायक के दर्द को भी याद नहीं रख पाई। बीजेपी विधायक श्याम प्रकाश ने फेसबुक स्टेटस के एक कमेंट में लिखा था कि ऑक्सीजन कमी से लोगों की तड़प-तड़प कर मौत हो रही है। इतना ही नहीं यूपी में बीजेपी के कई विधायक और सांसद ने उस समय में चिट्ठी लिखकर सरकार से ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की बात कही थी। और तो और उत्तर प्रदेश में अस्पतालों ने भी सरकार को ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर चिट्ठी लिखी थी। लेकिन इन सारी बातों को उत्तर प्रदेश की सरकार भूल गई है। 


 

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