जानें कौन हैं देश के अगले सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे, निभा चुके हैं सामरिक रूप से अहम जिम्मेदारियां

Lt General Manoj Pande: लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे अगले सेना प्रमुख होंगे, वो जनरल मनोज मुकुंद नरवणे का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल इस महीने के अंत में समाप्त हो रहा है। पांडे दिसंबर 1982 में सेना के इंजीनियर कोर में अधिकारी बने।

Manoj Pandey
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे 
मुख्य बातें
  • मनोज पांडे दिसंबर 1982 में सेना के इंजीनियर कोर में अधिकारी बने
  • मनोज पांडे ने ब्रिटेन के कैम्बर्ली के स्टॉफ कॉलेज से स्ननातक की पढ़ाई की
  • मनोज पांडे को पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम जैसे विशिष्ट पदकों से सम्मानिक किया जा चुका है

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे भारतीय सेना के अगले प्रमुख होंगे। लेफ्टिनेंट जनरल पांडे कोर ऑफ इंजीनियर्स से थल सेनाध्यक्ष बनने वाले पहले अधिकारी बन गए हैं। लेफ्टिनेंट जनरल पांडे जनरल नरवणे के बाद भारतीय सेना में सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं। वह 29वें सेनाध्यक्ष होंगे। इस साल फरवरी में लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती के स्थान पर भारतीय सेना के उप प्रमुख का पद संभाला था।

फरवरी में वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ बने

लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने भारतीय सेना में उप प्रमुख बनने से पहले पूर्वी सेना कमांडर के रूप में कार्य किया। उन्होंने पूर्वी कमान का कार्यभार संभालने से पहले अंडमान और निकोबार कमान की कमान संभाली थी। उन्होंने सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश सेक्टरों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की रखवाली करने वाली पूर्वी सेना कमान का नेतृत्व किया। लेफ्टिनेंट जनरल पांडे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र हैं और उन्हें दिसंबर 1982 में कोर ऑफ इंजीनियर्स में कमीशन दिया गया था। 

117 इंजीनियर रेजिमेंट की कमान संभाली,

अपने विशिष्ट करियर में उन्होंने पारंपरिक और साथ ही सभी प्रकार के इलाकों में आतंकवाद विरोधी अभियानों में कई प्रतिष्ठित कमांड और स्टाफ असाइनमेंट किए हैं। उन्होंने जम्मू और कश्मीर में ऑपरेशन पराक्रम के दौरान नियंत्रण रेखा के साथ 117 इंजीनियर रेजिमेंट की कमान संभाली, पश्चिमी क्षेत्र में एक इंजीनियर ब्रिगेड, नियंत्रण रेखा के साथ एक पैदल सेना ब्रिगेड और पश्चिमी लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में एक पर्वतीय डिवीजन और पूर्वोत्तर में एक कोर की कमान संभाली।

कई बार हो चुके सम्मानित

उन्होंने इथियोपिया और इरिट्रिया में संयुक्त राष्ट्र मिशन में मुख्य अभियंता के रूप में कार्य किया है। वह जून 2020 से मई 2021 तक कमांडर-इन-चीफ अंडमान और निकोबार कमांड (CINCAN) थे। उनकी शानदार सेवा के लिए उन्हें परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन और जीओसी-इन-सी कमेंडेशन से सम्मानित किया जा चुका है। 

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नियंत्रण रेखा के पास इंफ्रैंट्री ब्रिगेड का भी हिस्सा रहे

मनोज पांडे ने ब्रिटेन के कैम्बर्ली के स्टॉफ कॉलेज से स्ननातक की पढ़ाई की। इसके अलावा इन्होंने हाई कमान (एचसी) एवं नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी) का कोर्स भी किया है। अपने 39 साल के अब तक के सेवाकाल में जनरल पांडे ने कई चुनौतीपूर्ण लक्ष्यों एवं सामरिक रूप से अहम जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक पूरा किया है। वेस्टर्न थियेटर में इनके पास इंजीनियर ब्रिगेड की कमान थी। मनोज पांडे स्ट्राइक कोर और नियंत्रण रेखा के पास इंफ्रैंट्री ब्रिगेड का भी हिस्सा रहे हैं। इसके अलावा वह नार्थ इस्ट में माउंटेबन ब्रिगेड के अधिकारी, मिलिट्री सेकरेट्री ब्रांच में एएमएस, माउंटेन डिवीजन में कर्नल क्यू और पूर्वी कमान हेडक्वार्टर में ऑपरेशंस के जनरल स्टॉफ रह चुके हैं।

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