नई दिल्ली: किसान आंदोलन की तपिश जल्दी ही दिल्ली-गाजियाबाद से निकलकर यूपी की राजधानी लखनऊ तक पहुंचने वाली है, जी हां ऐसा हो सकता है इस बारे में संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को लखनऊ में प्रेस कांफ्रेस कर उत्तर प्रदेश सरकार को चुनौती दी है किसान नेता राकेश टिकैत ने मिशन उत्तर प्रदेश के तहत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की बात कही है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने इस मौके पर कहा कि हमने जिस तरह से दिल्ली की सीमाओं को घेर रखा है, वैसे ही हम यूपी की राजधानी की भी घेराव करेंगे। लखनऊ को भी दिल्ली बनाया जाएगा जिस तरह दिल्ली में चारों तरफ के रास्ते सील हैं, ऐसे ही सील होंगे। हम इसकी तैयारी करेंगे।
राकेश टिकैत ने इस मौके पर कहा कि यूपी हमेशा आंदोलन का प्रदेश रहा है, आलू का किसान बर्बाद हुआ है गन्ना किसानों का करीब12 हजार करोड़ का भुगतान बाकी है पिछली सरकारों में आंदोलन के बाद रेट बढ़ता रहा लेकिन इस सरकार ने कुछ नहीं बढ़ाया है किसान इसपर अब खामोश नहीं बैठेगा।
टिकैत एक बार फिर से साफ किया कि सरकार जब तक तीन कानूनों को वापस नहीं लेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा उन्होंने कहा कि सरकार एमएसपी के लिए कानून नहीं बना रही है, यह सिर्फ किसानों के लिए ही आंदोलन नहीं है बल्कि गरीबों, मजदूरों के लिए भी है। टिकैत ने हालांकि लखनऊ में आंदोलन शुरू करने की तारीख का ऐलान नहीं किया उन्होंने कहा कि इस आंदोलन का नेतृत्व किसान करेंगे और वही आंदोलन की डेट भी तय कर लेंगे।
टिकैत ने कहा कि पांच सितंबर को मुज्जफरनगर में बड़ी पंचायत कर आंदोलन की शुरुआत करेंगे, संयुक्त मोर्चा ने ये फैसला लिया है कि यूपी और उत्तराखंड के साथ पूरे देश में इस आंदोलन को बढ़ाएंगे साथ ही टिकैत ने चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि हम चुनाव नहीं लड़ेंगे और किसान जिस पार्टी से खुश होगा उसे ही वोट देगा।
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