Assam Madarsa: नहीं चलेगा 'आतंक का मदरसा', असम में लोगों ने खुद किया ध्वस्त

असम में एक मदरसे को स्थानीय लोगों से इस आधार पर गिरा दिया कि उसके जरिए आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने का काम होता था। लोगों का कहना है कि मदरसे को गिराने में किसी तरह के सरकारी संसाधन का इस्तेमाल नहीं किया गया है।

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असम में स्थानीय लोगों ने एक मदरसे को किया ध्वस्त(प्रतीक के तौर पर तस्वीर का इस्तेमाल) 
मुख्य बातें
  • असम में स्थानीय लोगों ने मदरसे को किया ध्वस्त
  • मदरसे के जरिए टेरर नेटवर्क चलाने का मामला
  • स्थानीय लोग बोले, ध्वस्तीकरण में सरकारी संसाधन का इस्तेमाल नहीं

इस समय मदरसों को लेकर संग्राम छिड़ा है। असम में उन मदरसों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है जो देश विरोधी या समाज विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं। अब तक तीन मदरसों को गिराया जा चुका है। इन सबके बीच स्थानीय लोगों ने एक मदरसेदरोगर अलगा, पखिउरा चार के स्थानीय लोगों ने स्वेच्छा से मदरसा और मदरसे से सटे आवास को ध्वस्त कर दिया। 

मदरसे के जरिए टेरर नेटवर्क
मटिया पुलिस थाने में गिरफ्तार जलालुद्दीन शेख ने अमीनुल इस्लाम, उस्मान, हदी हसन और जहांगीर अलोम, दोनों फरार बांग्लादेशी एक्यूआईएस / एबीटी कैडर, को इस दरोगर अलगा पखिउरा चार मदरसा के शिक्षकों के रूप में 2020 के दौरान अलग-अलग समय पर नौकरी पर रखा था। लोगों का कहना है कि मदरसे को गिराने की कार्रवाई में किसी भी सरकारी संसाधन का उपयोग नहीं किया गया था।


सबको एक चश्मे से ना देखा जाए

जमीयत उलमा-ए-हिंद के मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि आपने देखा कि असम में क्या हुआ। अगर यह तरीका अपनाया जाता है तो यह अवैध है। राज्य में गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण करने के यूपी सरकार के फैसले परहम संबंधित अधिकारियों को एक आवेदन भेजकर उनसे मिलने के लिए समय मांगेंगे। कोई भी काम गलत तरीके से नहीं करना चाहिए, भले ही वह अच्छा काम ही क्यों न हो। कुछ सुधार करने के लिए हमेशा जगह होती है। जिस तरह से इसे चित्रित किया जा रहा है वह गलत है।

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