महागठबंधन सरकार का फ्लोर टेस्ट 24 अगस्त को, सीएम नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा में साबित करना होगा बहुमत

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए से नाता तोड़ कर प्रदेश में महागठबंधन की सरकार बनाई। अब उन्हें विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा। फ्लोर टेस्ट की तारीख  24 अगस्त रखी गई।

Mahagathbandhan government's floor test on August 24, CM Nitish Kumar will have to prove majority in the Bihar Assembly
सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव  |  तस्वीर साभार: ANI

बीजेपी से नाता तोड़कर आरजेडी, कांग्रेस समेत 7 सात पार्टियों के समर्थन से नीतीश कुमार आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बन गए। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम की शपथ ली। अब उन्हें विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा। बिहार विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार का फ्लोर टेस्ट 24 अगस्त को होगा। बिहार में विधानसभा की 243 सीटें हैं। बहुमत का आंकड़ा 122 है। नीतीश सरकार का दावा है कि उसे 164 विधायकों का समर्थन है। बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सीएम ने एक पत्र भेजा। उन्होंने हमें विधानसभा सत्र बुलाने को कहा है। सचिव के पास सभी डिटेल हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर उन्होंने कहा कि जब तक मैं इस पद पर हूं, बाहर बयान नहीं दूंगा। 

राज्यपाल फागू चौहान से पद और गोपनीयता की शपथ लेने के तुरंत बाद पत्रकारों से बात करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने बीजेपी के इस दावे को खारिज कर दिया कि नई सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं करेगी। उन्होंने अपनी पूर्व सहयोगी बीजेपी के बारे में कहा कि 2015 के विधानसभा चुनाव में 243 सदस्यीय विधानसभा में एनडीए को 50 से कम सीटें मिली थीं। 

नई सरकार के कार्यकाल पूरा नहीं करने के बीजेपी के दावे को खारिज करते हुए कुमार ने कहा कि 2015 में जैसे हमलोग साथ थे, फिर हो गए और बिहार के हित में काम करेंगे। जदयू के खिलाफ रची गयी बीजेपी की कथित साजिश की ओर इशारा करते हुए नीतीश ने कहा कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू के साथ क्या हुआ था। मैं 2020 में मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता था। आप सभी साक्षी हैं कि तब से क्या हो रहा था। पार्टी के विधायक और उम्मीदवारों से पूछ लें, इस बारे में वे बता देंगे। सभी के लगातार इस बारे में बताने पर अंततः मुझे लगा कि जब सभी की इच्छा है तो उनकी इच्छा का स्वागत करते हुए फिर 2015 की तरह साथ हो गए और अब साथ मिलकर बिहार के हित के लिए काम करेंगे। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि हमारे लोगों ने उनका समर्थन किया और उनकी ओर से जदयू को हराने की कोशिश की गई। देश में आगामी आम चुनाव में प्रधानमंत्री पद की महत्वाकांक्षाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मेरी कोई भी दावेदारी नहीं है।

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यह पूछे जाने पर कि क्या वे देश में अब विपक्षी की राजनीति को मजबूत करेंगे नीतीश ने कहा कि निश्चित तौर पर । एक बार पहले भी किया । हम चाहेंगे कि सभी लोग मिलकर पूरी तरह से मजबूत हों। कुछ लोगों को लगता है विपक्ष खत्म हो जाएगा तो हमलोग भी अब आ ही गए हैं विपक्ष में। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में पूछे जाने पर कहा कि 2014 में जो सत्ता में आये 2024 के आगे रह पाएंगे या नहीं वह अपना समझें।

यह पूछे जाने पर कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और प्रधानमंत्री मोदी के बीच क्या अंतर है, नीतीश ने कहा कि अटल जी जितना प्रेम करते थे और मानते थे उसे हम कभी नहीं भूल सकते हैं। उस समय की बात ही कुछ और थी। बाद में फिर हम उधर गए, और जो कुछ होता रहा उस बारे में हमारे दल के लोगों से पूछ लीजिए।
 

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