Maharashtra:बीजेपी नेता एकनाथ खड़से का दावा-रोहिणी और पंकजा मुंडे की हार के लिए बीजेपी के लोग ही जिम्मेदार 

देश
रवि वैश्य
Updated Dec 05, 2019 | 00:56 IST

 BJP Senior Leader Eknath Khadse: महाराष्ट्र की सत्ता हाथ से निकलने के बाद बीजेपी के नेताओं में आपसी खींचतान की खबरें सामने आ रही हैं। 

Maharashtra:बीजेपी नेता एकनाथ खड़से का दावा-रोहिणी और पंकजा मुंडे की हार के लिए बीजेपी के लोग ही जिम्मेदार 
एकनाथ खडसे ने दावा किया है कि बीजेपी के लोगों ने खुद अपने उम्मीदवारों के खिलाफ काम किया 
मुख्य बातें
  • एकनाथ खडसे ने दावा किया है कि बीजेपी के लोगों ने खुद अपने उम्मीदवारों के खिलाफ काम किया
  • ये लोग पंकजा मुंडे और रोहिणी खडसे (उनकी बेटी) की हार के लिए जिम्मेदार हैं
  • बीजेपी ने उनकी बेटी रोहिणी खड़से को मुक्ताईनगर से टिकट दे दिया था लेकिन वो चुनाव हार गईं थीं

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में शिवसेना की सरकार बन चुकी है और बीजेपी सत्ता से बाहर है, विधानसभा चुनाव में बीजेपी के कई नामी कैंडिंडेट भी चुनाव हार गए हैं जिसकी टीस उभरकर सामने आ रही है। पार्टी की वरिष्ठ नेता पंकजा मुंडे ने तो हार के बाद नाराजगी में ये तक कह डाला कि वो कोई बड़ा फैसला ले सकती हैं। 

वहीं बीजेपी के सीनियर लीडर एकनाथ खडसे (Eknath Khadse) ने भी दावा किया है कि बीजेपी के लोगों ने खुद अपने उम्मीदवारों के खिलाफ काम किया। वे पंकजा मुंडे और रोहिणी खडसे (उनकी बेटी) की हार के लिए जिम्मेदार हैं। मैंने पार्टी को उनके नाम दिए हैं और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का अनुरोध किया है।

 

 

पार्टी ने उनकी बेटी रोहिणी खड़से को मुक्ताईनगर से टिकट दे दिया था लेकिन रोहिणी खड़से शिवसेना के बागी चंद्रकांत पाटिल से चुनाव हार गईं थीं।गौरतलब है कि एकनाथ खडसे की गिनती कभी महाराष्ट्र भाजपा के कद्दावर नेताओं में होती थी। लेकिन एक घोटाले में नाम आने के बाद उन्हें न केवल मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा बल्कि पार्टी में भी साइड लाइन हो गए थे।

वहीं प्रदेश की कद्दावर बीजेपी नेता पंकजा मुंडे ने भी निगेटिव संकेत देने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने रविवार को एक फेसबुक पोस्ट लिखकर खलबली मचा दी थी। अब उन्होंने ट्विटर के जरिए संकेत दे रही है कि अब वह बीजेपी को बाय-बाय कहेंगी। उन्होंने अपने परिचय में से बीजेपी शब्द को हटा दिया है।

पंकजा मुंडे ने अपनी भावी यात्रा को लेकर फेसबुक पर लिखा कि राज्य में बदले राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए यह सोचने और निर्णय लेने की जरूरत है कि आगे क्या किया जाए। मुझे खुद से बात करने में 8 से 10 दिन लगेगा। मौजूदा राजनीतिक बदलावों की पृष्ठभूमि में भावी यात्रा पर फैसला किए जाने की जरूरत है।

 

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