बागी नेताओं के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि जनहित के मुद्दों की उपेक्षा या अनदेखी न हो। मुख्यमंत्री ने गुवाहाटी में डेरा डाले हुए 9 मंत्रियों के विभागों को अन्य मंत्रियों को सौंप दिया है जो ठाकरे के समर्थन में हैं।
महाराष्ट्र के नौ मंत्री अब तक एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले विद्रोही खेमे में शामिल हो चुके हैं। शिंदे के अलावा, गुवाहाटी में डेरा डाले हुए अन्य मंत्री गुलाबराव पाटिल, दादा भुसे और संदीपन भुमरे हैं। एकनाथ शिंदे के शहरी विकास, लोक निर्माण विभाग (सार्वजनिक उपक्रम) को अब सुभाष देसाई को फिर से सौंपा गया है।
उदय सामंत के उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग को फिर से आदित्य ठाकरे और संदीपन आसाराम भुमारे (रोजगार) की गारंटी शंकर यशवंतराव गडख को दी गई है। गुलाबराव पाटिल का जलापूर्ति एवं स्वच्छता विभाग अनिल परब को जबकि दादाजी भूसे का कृषि विभाग संदीपनराव भुमरे को दिया गया है। बागवानी मंत्री शंकर यशवंतराव गडख को दी गई है।
हालांकि, राज्य के चार अन्य मंत्रियों शंभूराज देसाई, राजेंद्र पाटिल, अब्दुल सत्तार और ओमप्रकाश कडू के विभागों को अन्य मंत्रियों को फिर से आवंटित किया गया है। शिवसेना में अब चार कैबिनेट मंत्री हैं जिनमें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आदित्य ठाकरे, अनिल परब और सुभाष देसाई शामिल हैं। आदित्य को छोड़कर शेष तीन विधान परिषद के सदस्य (एमएलसी) हैं। शिवसेना के अगुवाई वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार में बगावत से पहले, पार्टी के 10 कैबिनेट मंत्री और चार राज्य मंत्री थे। सभी चार राज्य मंत्री असम के गुवाहाटी के होटल में डेरा डाले हुए हैं।
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